मध्य प्रदेश

वैश्विक महामारी कोरोना को रोकने में मध्यप्रदेश एक पायदान आगे बढ़ा

देश में 9304 की तुलना में मध्यप्रदेश में 174 नए संक्रमित प्रकरण
मुख्यमंत्री ने कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा की

भोपाल. कोरोना संक्रमण में निरंतर कमी आने से मध्यप्रदेश अब देश में 7वें स्थान पर आ गया है। पहले मध्यप्रदेश देश में छठवें स्थान पर तथा उत्तरप्रदेश 7वें स्थान पर था। पूरे देश की तुलना में मध्यप्रदेश में लगभग 2 प्रतिशत नए संक्रमित मरीज पाए गए, जबकि पहले ये 8 प्रतिशत तक थे। प्रदेश में कोरोना के 174 नए पॉजीटिव प्रकरण आए हैं, वहीं देश में यह संख्या 9304 है। हमारी कोरोना रिकवरी रेट 64.3 प्रतिशत है, जबकि भारत की 47.9 प्रतिशत है।

यह बात मुख्यमंत्री सिंच चौहान ने गुरुवार को मंत्रालय में वीडियो कान्फे्रंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्र, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, प्रमुख सचिव संजय शुक्ला आदि उपस्थित थे।

255 में 194 मरीज डिस्चार्ज
बुरहानपुर जिले की समीक्षा में बताया गया कि जिले में कुल 255 कोरोना प्रकरणों में 194 मरीज स्वस्थ होकर घर चले गये हैं, अभी वहां एक्टिव मरीजों की संख्या 45 है। कलेक्टर ने बताया कि जिले में कोरोना की स्थिति में निरंतर सुधार हो रहा है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए कलेक्टर, एसपी व टीम की सराहना की।

सार्थक एप का प्रयोग करें
श्योपुर जिले की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिए कि कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए। एसीएस हेल्थ ने कहा कि कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए सार्थक एप अत्यंत उपयोगी है, इसका उपयोग किया जाए।

डाटा में अंतर आने पर नाराजगी व्यक्त की
मुख्यमंत्री चौहान ने बैतूल जिले की समीक्षा के दौरान डाटा में अंतर आने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने एसीएस हेल्थ को निर्देश दिए कि तुरंत एक टीम बैतूल रवाना करें, जो वहां जाकर व्यवस्था देखें। बैतूल जिले में संक्रमित 34 मरीजों में से 5 स्वस्थ होकर घर चले गये हैं, 29 मरीज एक्टिव हैं।

डीन मेडिकल कॉलेज को हटाएं
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिए कि सागर मेडिकल कॉलेज के डीन को तुरंत हटाया जाए। एसीएस हेल्थ सुलेमान ने बताया कि सागर गई चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम ने वहां जाकर आवश्यक व्यवस्थाएं देख ली है। डीन का कार्य संतोषजनक नहीं पाया गया।

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