वैज्ञानिक हैंस क्रिस्टियान ग्राम के नाम आज का गूगल डूडल, जानें उनके बारे में

 
नई दिल्ली

माइक्रोबयॉलजी के क्षेत्र में अपनी खास पहचान बनाने वाले वैज्ञानिक हैंस क्रिस्टियान ग्राम के 166वें जन्मदिन पर गूगल ने होमपेज उनके नाम किया है। गूगल डूडल में दिख रहे हैंस क्रिस्टियान ग्राम ने 'ग्राम स्टेनिंग टेक्निक' की खोज की थी और वह इस क्षेत्र में काम करने वाले शुरुआती वैज्ञानिकों में से एक हैं। ग्राम मेथड का प्रयोग उनकी मृत्यु के आठ दशक बाद तक किया जाता है और माइक्रोबयॉलजी की दुनिया में आज भी उनका योगदान याद किया जाता है।
13 सितंबर, 1853 के जन्मे ग्राम ने यूनिवर्सिटी ऑफ कोपेनहेगन से अपना एमडी पूरा किया और इसके बाद शहर के म्यूनिसिपल हॉस्पिटल में रेजिडेंट फिजीशियन के तौर पर काम किया। इसके बाद उन्होंने यूरोप की यात्रा की और कई क्षेत्रों पर काम करते हुए बैक्टीरियॉलजी और फार्मालजी में दक्षता हासिल की। क्रिस्टियान ग्राम 1923 में रिटायर हुए और 85 वर्ष की आयु में 1938 में उनकी मृत्यु हो गई।
क्या है ग्राम स्टेनिंग?
माइक्रोबयॉलजिस्ट कार्ल फ्राइडलैंडर की बर्लिन लैबोरेटरी में काम करते वक्त ग्राम ने 'ग्राम स्टेन' डिवेलप किया। एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिक के मुताबिक, ग्राम स्टेन दरअसल किसी बैक्टीरिया की पहचान करने और उसके गुण-धर्म पता लगाने का वैज्ञानिक तरीका है। अपने खोजकर्ता के नाम पर ही ग्राम स्टेन मेथड का नाम रखा गया है।

ऐसे होता है टेस्ट
ग्राम स्टेन मेथड में बैक्टीरिया के धब्बे पर वॉइलट डाई डाली जाती है और फिर इसे ऑर्गेनिक सॉल्वेन्ट आयोडीन सलूशन से धोया जाता है। मोटे सेल वाले बैक्टीरिया पर्पल कलर के ही बने रहते हैं और इन्हें ग्राम पॉजिटिव कहा जाता है। वहीं, कमजोर और पतले सेल वाले बैक्टीरिया धुल जाते हैं और पर्पल धब्बा गायब हो जाता है, इन्हें ग्राम-नेगेटिव कहा जाता है।

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