नई दिल्ली
मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी को भगवान राम ने माता सीता के साथ विवाह किया था. श्रीराम विवाहोत्सव के रूप में मनाई जाने वाली इस तिथि को विवाह पंचमी भी कहते हैं. भगवान राम को चेतना और माता सीता को प्रकृति शक्ति का प्रतीक माना जाता है. चेतना और प्रकृति के मिलन की वजह से ही यह दिन महत्वपूर्ण हो जाता है. इस दिन भगवान राम और माता सीता का विवाह करवाने का भी बड़ा महत्व है. इस साल विवाह पंचमी 1 दिसंबर को मनाई जाएगी.
विवाह पंचमी पर पाएं ये वरदान
– विवाह पंचमी पर उपाय करने से शादी में आने वाली अड़चनें दूर हो जाती हैं.
– मनचाहे वर-वधु के लिए विवाह पंचमी पर उपासना की जाती है.
– वैवाहिक जीवन या घरेलू कलह का अंत भी हो जाता है.
– इस दिन भगवान राम और माता सीता की संयुक्त रूप से
– इस दिन बालकाण्ड में भगवान राम और सीता जी के विवाह प्रसंग का पाठ करना शुभ होता है.
– इस दिन सम्पूर्ण रामचरितमानस का पाठ करने से भी पारिवारिक जीवन सुखमय होता है.
इस विधि से करवाएं राम-सीता का विवाह
– सुबह स्नान करके श्री राम विवाह का संकल्प लें.
– स्नान करके विवाह के कार्यक्रम का आरम्भ करें.
– श्रीराम और माता सीता की प्रतिकृति की स्थापना करें.
– भगवान राम को पीले और माता सीता को लाल वस्त्र अर्पित करें.
– या तो इनके समक्ष बालकाण्ड में विवाह प्रसंग का पाठ करें.
इन दोहों का जाप करने से मिलेगा लाभ
1- प्रमुदित मुनिन्ह भावंरीं फेरीं। नेगसहित सब रीति निवेरीं॥
राम सीय सिर सेंदुर देहीं। सोभा कहि न जाति बिधि केहीं॥
2- पानिग्रहन जब कीन्ह महेसा। हियं हरषे तब सकल सुरेसा॥
बेदमन्त्र मुनिबर उच्चरहीं। जय जय जय संकर सुर करहीं॥
3- सुनु सिय सत्य असीस हमारी। पूजिहि मन कामना तुम्हारी॥
नारद बचन सदा सुचि साचा। सो बरु मिलिहि जाहिं मनु राचा॥
विवाह पंचमी का शुभ मुहूर्त
विवाह पंचमी तिथि: 1 दिसंबर 2019
पंचमी तिथि प्रारंभ: 30 नवंबर 2019 (शाम 6 बजकर 5 मिनट से)
पंचमी तिथि समाप्त: 1 दिसंबर 2019 (शाम 7 बजकर 13 मिनट तक)