कोलकाता
अपने दौर के दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावसकर ने विराट कोहली के उस बयान को आड़े हाथों लिया जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय टीम ने सौरभ गांगुली के दौर में टेस्ट क्रिकेट की कठिन चुनौतियों का सामना करना शुरू किया था। गावसकर ने कहा कि भारतीय टीम उस समय भी जीतती थी जब वर्तमान कप्तान (कोहली) पैदा भी नहीं हुए थे।
कोहली के बयान से असंतुष्ट पूर्व कप्तान गावसकर ने कहा, 'भारतीय कप्तान ने कहा कि यह 2000 से दादा (सौरभ गांगुली) की टीम से शुरू हुआ। मुझे पता है कि दादा बीसीसीआई के अध्यक्ष हैं इसलिए शायद कोहली उनके बारे में अच्छी बातें कहना चाहते थे। लेकिन भारत सत्तर और अस्सी के दशक में भी जीत रहा था। उस समय उनका (कोहली) जन्म भी नहीं हुआ था।'
उन्होंने टीवी शो में मैच समाप्त होने के बाद कहा, 'बहुत से लोग अभी तक यह मानते हैं कि क्रिकेट 2000 के दशक में शुरू हुआ था लेकिन भारतीय टीम सत्तर के दशक में विदेश में जीत दर्ज करती थी। भारतीय टीम 1986 में भी जीती थी। भारत ने विदेश में सीरीज ड्रॉ भी कराई थी। वे बाकी टीमों की तरह हारे भी थे।'
पारी से जीते लगातार 4 टेस्ट, वर्ल्ड रेकॉर्ड
भारत की इस जीत ने एक नया रेकॉर्ड भी अपने नाम किया है। यह टीम इंडिया की लगातार 4 टेस्ट जीत है, जिसमें उसने पारी और रनों के अंतर जीत दर्ज की है। इससे पहले दुनिया की कोई भी टीम ऐसा नहीं कर पाई थी। 142 साल के टेस्ट इतिहास में पहली बार किसी टीम ने ऐसा किया है।इस सीरीज मेंं भारत ने बांग्लादेश को दोनों टेस्ट में पारी और रनों से अंतर से मात दी और इससे पहले यहां आई साउथ अफ्रीकी टीम को भी रांची और पुणे टेस्ट में पारी और रनों के अंतर से ही हराया था।
भारत में सबसे कम गेंदों में आया रिजल्ट
इस मैच में सिर्फ 968 गेंद ही फेंकी गईं। अब यह देश में नतीजे निकलने वाला सबसे छोटा मैच बन गया है। इससे पहले 2018 में अफगानिस्तान के खिलाफ भारत ने अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में सबसे जल्दी जीत हासिल की थी।
टेस्ट जीत में विराट ने बॉर्डर को पछाड़ा
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने सर्वाधिक टेस्ट जीतने के मामले में एलन बॉर्डर को पछाड़ा। यह टेस्ट में विराट की कप्तान के तौर पर 33वीं जीत रही जबकि ऑस्ट्रेलिया के बॉर्डर के नाम 32 टेस्ट जीत हैं। साउथ अफ्रीका के ग्रीम स्मिथ (53 टेस्ट जीत) लिस्ट में टॉप पर हैं। ऑस्ट्रेलिया के रिकी पॉन्टिंग 48, स्टीव वॉ 41 और क्लाइव लॉयड 36 टेस्ट मैच बतौर कप्तान जीत चुके हैं।
घरेलू टेस्ट में भारतीय पेसरों के सर्वाधिक विकेट
भारतीय पेसरों ने दमदार प्रदर्शन किया और कुल 19 विकेट झटके। यह घरेलू टेस्ट मैच में बारतीय पेसरों का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इससे पहले कोलकाता में ही भारतीय पेसरों ने श्रीलंका के खिलाफ 2017/18 सीजन में 17 विकेट लिए थे जबकि इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नै में 1933/34 में 16 विकेट पेसरों ने अपने नाम किए थे।
विराट की कई उपलब्धियां
विराट ने 136 रन की शतकीय पारी खेली। भारतीय कप्तान के तौर पर टेस्ट में विराट की यह 20वीं शतकीय पारी रही। उन्होंने इस मामले में पॉन्टिंग को पछाड़ दिया जिन्होंने कप्तान के तौर पर 19 शतक लगाए थे। इस मामले में वह साउथ अफ्रीका के ग्रीम स्मिथ (25 शतक) के बाद दूसरे स्थान पर हैं।
भारतीय पेसर्स का बेस्ट परफॉर्मेंस
कोलकाता टेस्ट में भारतीय तेज गेंदबाजों ने 19 विकेट हासिल किए। घरेलू मैदान पर यह भारतीय पेसर्स का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इससे पहले ईडन गार्डंस पर ही 2017 में भारतीय तेज गेंदबाजों ने 17 विकेट हासिल किए थे। यह सिर्फ तीसरा मौका है, जब भारतीय तेज गेंदबाजों ने मैच में 19 विकेट लिए और यह सब पिछले दो साल में हुआ।
पहली बार कमाल- इशांत और यादव ने रचा इतिहास
यह पहला मौका था, जब दो भारतीय पेसर्स ने मैच में 8 या उससे ज्यादा विकेट लिए हों। टेस्ट क्रिकेट में इससे पहले पिछली बार 2010-11 की एशेज सीरीज के पर्थ में हुए मुकाबले में ऐसा हुआ था, जब रेयान हैरिस और मिशेल जॉनसन ने 9-9 विकेट लिए थे। साथ ही यह भी पहला मौका है, जब दो अलग भारतीय पेस बोलर्स ने पारी में 5-5 विकेट लिए हों।
स्पिनर्स को नहीं मिला कोई विकेट
भारतीय स्पिनर्स को इस मैच में कोई विकेट नहीं मिला। घरेलू जमीन पर खेला गया यह पहला मैच है, जिसमें स्पिनर्स को कोई कामयाबी नहीं मिली। भारत के क्रिकेट इतिहास में यह सिर्फ दूसरा मैच है, जब स्पिनर्स कोई विकेट हासिल नहीं क