राजनीति

विभाग बंटवारे को लेकर उलझा पेंच, आठ दिन बाद भी नहीं सुलझा

मध्य प्रदेश में नए मंत्रियों के शपथ लिए को एक सप्ताह से अधिक का समय बीता

भोपाल. मध्य प्रदेश में विभागों को लेकर चल रही कश्मकश के कारण मंत्रिमंडल विस्तार के आठ दिन बीतने के बाद भी मंत्रियों को विभाग बांटने पर फैसला नहीं हो सका। ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक मंत्रियों को कमल नाथ सरकार में आवंटित विभागों के साथ कुछ अतिरिक्त विभाग दिलाना चाहते हैं। इनमें वे विभाग भी शामिल हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री वरिष्ठ मंत्रियों को देने की मंशा रखते हैं। यही वजह है कि तालमेल नहीं बन पा रहा है।

दिल्ली से लेकर भोपाल तक चल रहा मंथन का सिलसिला अभी भी जारी है। यही वजह है कि शुक्रवार को दोपहर तक विभाग बंटने की संभावना देर शाम होते-होते धूमिल हो गई। उधर, मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने मीडिया से चर्चा में कहा कि जितना मंथन होगा, उतना अमृत निकलेगा लेकिन, यह नहीं बताया कि मंथन कब तक चलेगा।

विभागों के बंटवारे को लेकर मंत्रियों के साथ-साथ पार्टी नेताओं में भी बैचेनी है। हर कोई एक-दूसरे से यही पूछ रहा है कि विभाग कब तक बंट जाएंगे। इसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान केंद्रीय नेतृत्व से लेकर प्रदेश संगठन तक से चर्चा कर चुके हैं। वरिष्ठ मंत्रियों से भी उनकी चर्चा हो चुकी है, लेकिन मामला अभी भी अटका हुआ है। सूत्रों का कहना है कि बड़े विभागों को लेकर एक राय नहीं बन पा रही है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक मंत्रियों को कमल नाथ सरकार में आवंटित विभागों के साथ कुछ अतिरिक्त विभाग दिलाना चाहते हैं। इनमें वे विभाग भी शामिल हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री वरिष्ठ मंत्रियों को देने की मंशा रखते हैं। यही वजह है कि तालमेल नहीं बन पा रहा है।

बताया जा रहा है कि अब इस मामले को केंद्रीय नेतृत्व के ऊपर छोड़ दिया है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, संगठन महामंत्री बीएल संतोष और प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे चर्चा करने के बाद समन्वय बनाकर विभाग बंटवारे को अंतिम रूप देंगे। वहीं, पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा है कि प्रदेश में विचित्र स्थिति बन गई है। अब तक विभागों का ही बंटवारा नहीं हो पाया है। इससे जनता से जुड़े कामों की फाइलें आगे नहीं बढ़ पा रही हैं।

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