नई दिल्ली
विदेश में अब सात लाख से अधिक रुपये भेजने पर सरकार पांच फीसदी टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) काटेगी। हालांकि, रिटर्न फाइल करते समय इसे कुल आय में गिना जा सकता है। वित्त विधेयक 2020-21 में यह प्रावधान किया गया है। इससे सबसे ज्यादा नुकसान उन लोगों को होगा जिन्होंने लोन लेकर अपने बच्चों को विदेश पढ़ने भेजा है। उन्हें बैंक कर्ज पर भी टैक्स भरना होगा।
सरकार का कहना है कि लोग उदार धन भेजने की योजना का दुरुपयोग कर रहे हैं, जिसके तहत साल में ढाई लाख डॉलर तक की राशि विदेश भेजने की अनुमति है। आयकर विभाग ने विदेश धन भेजने के 5026 मामलों की जांच की। यह पाया गया कि इनमें से 1807 लोग ऐसे थे जो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल ही नहीं करते थे।
सरकार चाहती है कि ऐसे लोगों से टैक्स वसूला जाए। यदि वे बिना पैन नंबर के धन भेजते हैं तो 10 फीसदी टीडीएस कटेगा। यदि वे रिटर्न नहीं फाइल करते हैं तो यह राशि जब्त हो जाएगी।
इसी प्रकार इलाज के लिए विदेश जाने वालों को भी पांच फीसदी टैक्स भरना होगा। जिस बैंक या एजेंसी से पैसा भेजा जा रहा है, वह भेजते समय ही यह राशि काट लेगा। इसी प्रकार विदेश घूमने के टूर पैकेज पर भी 5-10 फीसदी टैक्स लगेगा।