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विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने का प्रयास शुरू करेगी सरकार

भारतीय नौसेना के चार जहाजों और करीब 30 भारतीय वायु सेना के विमानों को बचाव अभियान में लगाया

दिल्ली. विश्व भर में कोहराम मचा रखे कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए सभी देश अपने-अपने स्तर पर काम में जुटे हैं। इसके साथ ही एक ओर इससे छुटकारा पाने के लिए जहां तरह-तरह के जतन किए जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर विश्व भर के अलग-अलग देशों में फंसे अपने नागरिकों की वतन वापसी के लिए भी तत्परता दिखा रहे हैं।

करीब 15,000 भारतीयों को वापस लाने की तैयारी
भारतीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, दुनिया भर में फंसे लगभग 15,000 भारतीयों को सात मई के बाद से भारत वापस लाने की पहल की जाएगी। इस संबंध में सरकार की मंजूरी मिल गई है। प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने सोमवार को कहा था कि वह वाणिज्यिक उड़ानों और नौसेना के युद्धपोतों का उपयोग करते हुए सात मई से चरणबद्ध तरीके से कोविड-19 संकट के कारण विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाना शुरू कर देगी।

पहले सप्ताह में 64 उड़ानों से निकाला जाएगा
भारतीय नागरिकों को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), यूके, मलेशिया, अमेरिका, फिलीपींस, बांग्लादेश, सिंगापुर, कुवैत, सऊदी अरब, बहरीन और ओमान से पहले सप्ताह में 64 उड़ानों से निकाला जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि सरकार ने पहले सप्ताह में भारतीय नौसेना के चार जहाजों को तैनात करने के लिए तैयार रखा है। कम से कम एक दर्जन से अधिक विमानों और लगभग 30 भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के विमानों को बचाव अभियान के लिए स्टैंडबाय पर रखा है।

यात्रा पर प्रतिबंध लगने से फंस गए
दुनिया भर में भारतीय मिशन उन नागरिकों को पंजीकृत कर रहे हैं, जो भारत और अन्य देशों द्वारा कोविड-19 के कारण यात्रा पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद विदेशों में फंस गए थे। इनमें से वे लोग शामिल हैं, जो इस महामारी की वजह से या तो विदेशों में अपनी नौकरी खो चुके हैं, या वे अपने परिवारों से मिलना चाहते हैं। कम से कम डेढ़ लाख भारतीयों ने संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय मिशनों में वापस लौटने के लिए पंजीकरण करवाया है।

नौकरी चले जाने से लौटना चाहते हैं घर
इनमें से करीब एक चौथाई ने घर लौटने के कारण के रूप में नौकरी चले जाने की बात कही है। सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि यह सुविधा भुगतान के आधार पर उपलब्ध कराई जाएगी और यात्रा सात मई से चरणबद्ध तरीके से शुरू होगी। फ्लाइट में चढऩे से पहले यात्रियों की मेडिकल स्क्रीनिंग की जाएगी और उन यात्रियों को ही यात्रा की इजाजत मिलेगी, जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं होंगे। यात्रा के दौरान इन सभी यात्रियों को स्वास्थ्य मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा जारी स्वास्थ्य मानदंड और प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।

14 दिनों के लिए रहना होगा क्वारंटाइन
भारत में अपने गंतव्य तक पहुंचने पर, यात्रियों को आरोग्य सेतु ऐप पर पंजीकरण करना होगा और एक अन्य मेडिकल स्क्रीनिंग से गुजरना होगा। विदेश मंत्रालय (एमईए) के बयान में कहा गया है कि जांच के बाद, उन्हें 14 दिनों के लिए या तो अस्पताल में या भुगतान के आधार पर एक संस्थागत क्वारंटाइन में रहना होगा।

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