Uncategorized

विघ्नहर्ता, विघ्न विनाशक ही करेंगे कोरोना का खात्मा

बुराइयों का विसर्जन करने और दिव्य गुणों का सृजन करने का पर्व है, गणेश चतुर्दशी: बीके डॉ. रीना बहन

भोपाल. प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय भोपाल के बावडिय़ाकला स्थित रोहित नगर सेवा केंद्र पर मंगलवार को गणेश चतुर्दशी के उपलक्ष्य पर संपूर्ण विश्व से कोरोना नामक महामारी को जड़ से खत्म करने के लिए विघ्न विनाशक से श्रद्धा पूर्वक भक्ति भाव के साथ प्रार्थना की गई। कार्यक्रम में भगवान भोलेनाथ, माता पार्वती एवं गणेश जी की झांकी सजाई गई।

सेवा केंद्र संचालिका बीके डॉ. रीना बहन ने गणेश चतुर्दशी का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि गणेश जी के सभी हाथों में क्रमश: कुल्हाड़ी, मोदक, रस्सी तथा वरदानी हाथ दिखाया जाता है, जो यह दर्शाता है कि हमें मोह, माया, विकारों को सत्कर्म रूपी कुल्हाड़ी से काटकर एक दूसरे को स्नेह रूपी रस्सी से बांधकर रिश्तों में मधुरता रूपी गुण अपनाना चाहिए।

बीके डॉ. रीना बहन ने कहा कि मोदक का अर्थ हमारे जीवन के परिश्रम का फल एवं उसकी खुशी का प्रतीक है। बड़े कान किसी की निंदा चुगली नहीं सुनने का प्रतीक है। छोटा मुख कम बोलना एवं अधिक सुनने का प्रतीक है। छोटी आंखें अर्थात एकाग्रता से परिस्थिति को परखना फिर निर्णय लेने का प्रतीक है। बड़े पेट का अर्थ दुनिया में हर प्रकार की बातों को सुनते, देखते हुए समाने की क्षमता का प्रतीक बताया।

उन्होंने बताया कि एकदंत बुराइयों को मिटाकर अच्छाइयों को धारण करने का प्रतीक हैं। वरदानी हस्तों का मतलब सदा हमेशा हर एक मनुष्य आत्मा को शुभ भावना देते रहना। रस्सी जीवन में उच्च लक्ष्य तक पहुंचाने का प्रतीक है। गणपति के मूसक वाहन का रहस्य बताते हुए कहा कि हमें अपनी कर्मेंद्रियों एवं अशुद्ध विचारों को नियंत्रण में रखते हुए जीवन को संयमित रखकर जीना चाहिए।

बीके डॉ. रीना ने कहा कि यदि हम जीवन में गणेश जी के इन सभी गुणों को धारण कर लेते हैं, तो परमपिता परमात्मा शिव द्वारा हमें दिव्य बुद्धि के साथ-साथ यथार्थ निर्णय करने की शक्ति प्राप्त होती है। जिसके द्वारा जीवन में संतुष्टता बनी रहती है और जीवन की सभी मुश्किलें, कठिनाइयां सहजता से ही समाप्त हो जाती हैं। कार्यक्रम की शुरुआत में दीप प्रज्वलन किया गया। सभी ने मिलकर कोरोना महामारी को खत्म करने के लिए गणपति जी की विशेष आरती की।

कार्यक्रम में बीके मंजू बहन, बीके पिंकी बहन, बीके कुंती बहन, बीके रावेन्द्र भाई, बीके हेमराज भाई, बीके सुरेश, बीके राहुल भाई, बीके शरद भाई, बीके सतीश, बीके राम आदि मौजूद रहे।

>

About the author

admin administrator

Leave a Comment