नई दिल्ली –
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और वैश्विक स्तर पर समर्थन पाने की कोशिश में लगा है। पाकिस्तान न सिर्फ घाटी में अशांति फैलाने पर माद्दा है, बल्कि कश्मीर मसले के अंतर्राष्ट्रीयकरण करने में भी जुटा है। इस बीच, अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने इमरान खान को नसीहत देते हुए कहा है कि वह कश्मीर की खुशहाली को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं।
इमरान खान को यह स्वीकार करना मुश्किल हो रहा है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख प्रगति और समृद्धि की राह पर वापस लौट रहा है क्योंकि भारत सरकार ने कानून के एक अनैतिक और अस्थायी प्रावधान को खत्म कर दिया, जिससे वहां का विकास बाधित हो रहा था। अमेरिका में भारत के शीर्ष राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने गुरुवार को यह बात कही।
'द न्यूयॉर्क टाइम्स' से बातचीत में श्रृंगला ने कहा, "अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के विकास की राह खुलने से पाकिस्तान के नीचे की जमीन खिसक गई है और यह वह मुल्क है जहां से दुनियाभर में आतंकी हमलों के लिए आतंकवादियों को पनाह मिलती रही है।" श्रृंगला ने पाकिस्तान पर प्रहार करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को विकसित न होने देने में पड़ोसी मुल्क का निहित स्वार्थ है क्योंकि एक कमजोर अर्थव्यवस्था कुछ स्थानों पर अलगाववादी विचारों को बढ़ावा दे रही है।
इमरान खान ने सऊदी अरब के शहजादे को कश्मीर के हालात के बारे में बताया
वहीं दूसरी ओर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बृहस्पतिवार को जेद्दा में सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की और उन्हें भारत सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किये जाने के बाद राज्य के हालात के बारे में बताया। खान सऊदी अरब की दो दिवसीय यात्रा पर जेद्दा पहुंचे। सऊदी अरब पाकिस्तान का करीबी सहयोगी है और आर्थिक संकट में उसे वित्तीय सहायता दे रहा है।
पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के आधिकारिक ट्विटर खाते से जारी बयान में पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के नयी दिल्ली के फैसले के बाद कश्मीर में भारत सरकार द्वारा अत्याचार किये जाने का आरोप लगाया गया और बताया गया कि खान ने इस बारे में सऊदी के शहजादे से बातचीत की।