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वकीलों के लिए 50 करोड़, मुख्यमंत्री ने किया ऐलान

नई दिल्ली
देश में पहली बार दिल्ली सरकार वकील कल्याण के लिए 50 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। रकम को किस मद में और कैसे खर्च किया जाए, इसका फैसला करने के लिए कमिटी बनाई गई है। 13 सदस्यीय कमिटी में दिल्ली के सभी वकील संघ के प्रतिनिधि हैं। इसके संयोजक सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन के अध्यक्ष राकेश खन्ना होंगें। कमिटी 10 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। उसी के आधार पर मुख्यमंत्री वकील वेलफेयर स्कीम के तहत 50 करोड़ रुपये खर्च होंगे। दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को कमिटी गठित करने का फैसला किया।

कमिटी की सिफारिशों को लागू करने का दिया भरोसा
मुख्यमंत्री ने कहा कि कमिटी की सिफारिश आते ही दिल्ली सरकार उसे तत्काल लागू कर देगी। उन्होंने कहा कि वकीलों का समाज में बड़ा योगदान है। आम आदमी पार्टी ने घोषणापत्र में वकील कल्याण की बात की थी। यह वादा पूरा कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इतनी बड़ी रकम देश में किसी सरकार ने वकील वेलफेयर के लिए नहीं रखी। केजरीवाल ने कहा कि जो भी सरकार से मांग करता है, हम उसे जरूर पूरा करते हैं। रेहड़ी-पटरी, झुग्गी-झोंपड़ी, मध्य वर्ग की मांग को पूरा किया है। लोगों ने कहा कि बिजली बिल ज्यादा आता है तो दिल्ली सरकार ने उसे शून्य कर दिया। वकीलों के संगठन भी लगातार संपर्क कर रहे थे। हमने उनकी मांग को भी मान लिया।

वकीलों ने अपनी मांग रखी थी केजरीवाल के सामने
दरअसल, 12 फरवरी 2019 को देशभर के वकीलों ने चिकित्सा सुविधा और पेंशन योजना को लेकर अदालतों में हड़ताल रखी थी। उसी दिन वकीलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर अपनी मांगें रखी थीं। मुख्यमंत्री ने मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था। उसी के बाद दिल्ली सरकार के बजट में वकील वेलफेयर के लिए 50 करोड़ का प्रावधान किया गया।

आप के मेनिफेस्टो में भी वकीलों का था जिक्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2015 में हुए चुनावों में वकीलों के बड़े योगदान से ही वह 70 में से 67 सीटें जीते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में भी वकील वेलफेयर की बात की थी। इसे पूरा किया गया है। सीएम के मुताबिक, वह वकीलों के कल्याण के लिए ऐसा मॉडल पेश करेंगे, जोकि पूरे देश नहीं, बल्कि पूरे विश्व में बेहतरीन होगा।

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