रायपुर
प्रदेश के छत्तीसगढ़ी लोक कलाकारों का धरना-प्रदर्शन आज दूसरे दिन भी जारी रहा। इस दौरान कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए वहां विरोध जताया। उनका कहना है कि संस्कृति विभाग द्वारा प्रदेश के कलाकारों की लगातार अनदेखी की जा रही है। वरिष्ठ लोक कलाकारों को पर्याप्त सांस्कृतिक कार्यक्रम न देकर उनका अपमान किया जा रहा है, जबकि वे सभी देश-विदेश में अपनी कला का प्रदर्शन कर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन कर रहे हैं।
वरिष्ठ लोक कलाकार रमादत्त जोशी बहनों के नेतृत्व में प्रदेश के दर्जनों छत्तीसगढ़ी लोक कलाकार कल सुबह से यहां बूढ़ापारा में धरने पर बैठे हैं। नारेबाजी करते हुए उनका कहना है कि प्रदेश में छत्तीसगढ़ी लोक कला से जुड़े सैकड़ों कलाकार हैं, लेकिन उन्हें उनकी योग्यता के हिसाब से सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं दिए जा रहे हैं। उन्हें आर्थिक मदद भी नहीं मिल पा रही है। संस्कृति विभाग के अफसर उनकी लगातार अनदेखी कर रहे हैं और अपनी पसंद की लोक कला मंडलियों को काम दे रहे हैं। उनका कहना है कि कलाकारों को एक-एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए दफ्तर का कई चक्कर लगाना पड़ता हैं। कई कलाकारों को सालभर में भी ठीक से काम नहीं मिल पाता। वरिष्ठ कलाकार पेंशन से दूर हैं। बीमार लोक कलाकारों को इलाज के लिए समय पर आर्थिक मदद नहीं मिल पा रही है। इलाज के दौरान उनके ठहरने के लिए यहां कोई भवन नहीं है। उनकी और कई मांगें हैं, जो पूरी नहीं हो रही है। ऐसी स्थिति में वे सभी धरना-प्रदर्शन के लिए मजबूर हैं।