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लोकसभा में पास हुआ विदेशी चंदा कानून, एनजीओ रजिस्ट्रेशन के लिए आधार नंबर जरूरी


केंद्र सरकार किसी गैर-सरकारी संगठन या एसोसिएशन को अपना एफसीआरए प्रमाण-पत्र वापस करने की मंजूरी दे सकेगी

नयी दिल्ली. लोकसभा ने सोमवार को विदेशी अभिदाय विनियमन संशोधन विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी, जिसमें एनजीओ के पंजीकरण के लिए पदाधिकारियों का आधार नंबर जरूरी होने के साथ ही लोक सेवक के विदेशों से रकम हासिल करने पर पाबंदी का प्रावधान किया गया है। इसमें प्रावधान है कि केंद्र सरकार किसी गैर-सरकारी संगठन या एसोसिएशन को अपना एफसीआरए प्रमाण-पत्र वापस करने की मंजूरी दे सकेगी। मसौदा विधेयक में कहा गया है कि एफसीआरए के तहत आने वाले संगठनों को कुल विदेशी फंड का 20 फीसदी से ज्यादा प्रशासनिक खर्च में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

लोकसभा में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि यह विधेयक किसी एनजीओ के खिलाफ नहीं है। यह संशोधन किसी धर्म पर हमला नहीं करता है। यह विदेशी चंदे को नहीं रोकता है। उन्होंने कहा कि यह किसी भी प्रकार से किसी को डराने-धमकाने या दबाने के लि, नहीं है, बल्कि भारत की जनता और लोकतंत्र को दबाने के लिए पैसे के दुरुपयोग को रोकने के लिए है। उन्होंने कहा कि विदेशी अभिदाय विनियमन कानून (एफसीआरए) एक राष्ट्रीय और आंतरिक सुरक्षा कानून है और यह सुनिश्चित करने के लिए है कि विदेशी धन भारत के सार्वजनिक, राजनीतिक एवं सामाजिक विमर्श पर हावी नहीं हो।

एनजीओ को पैसा जिस काम के लिए मिले, उसी में हो खर्च
राय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को मजबूत एवं सुरक्षित रखना चाहते हैं। यह इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि अतीत में कई भूलों के कारण देश को नुकसान हुआ है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, आंतरिक, सांस्कृतिक, राष्ट्रीय और लोकतंत्र की सुरक्षा मोदी सरकार की विशेषता रही है। यह संशोधन विधेयक आत्मनिर्भर भारत के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि एनजीओ सरकार की विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने के लिए है। ऐसे में विदेशी अंशदान में पूरी पारदर्शिता जरूरी है। एनजीओ को पैसा जिस कार्य के लिए मिले, उसे उसी कार्य में खर्च होना चाहिए।

नए बिल में होगी पूरी पारदर्शिता
राय ने कहा कि केंद्र सरकार इस दिशा में धन को जनहित के कार्य में खर्च करना सुनिश्चत करना चाहती है, लेकिन विपक्षी दल दिशा भटकाना चाहते हैं। हम इसके माध्यम से पारदर्शिता लाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इसके तहत एनजीओ को विदेशी अनुदान के संबंध में दिल्ली में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में एक खाता खोलना होगा, साथ ही दूसरे स्थान पर भी खाता खोले जा सकेंगे।

मंत्री के जवाब के बाद सदन ने कुछ सदस्यों के संशोधनों को खारिज करते हुए विदेशी अभिदाय विनियमन संशोधन विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी। इसके माध्यम से विदेशी अभिदान विनियमन अधिनियम 2010 का संशोधन किया जा रहा है।

अब आधार होगा जरूरी
विधेयक के उद्देश्यों में कहा गया है कि एफसीआरए के तहत पूर्व अनुमति या पंजीकरण अथवा एफसीआरए के लाइसेंस नवीनीकरण का अनुरोध करने वाले किसी भी व्यक्ति को अब अपने सभी पदाधिकारियों या निदेशकों के आधार नंबर देने होंगे। विदेशी नागरिक होने की स्थिति में पासपोर्ट की एक प्रति या ओसीआई कार्ड की प्रति देना जरूरी होगा।

इसमें ‘लोक सेवक’ और ‘सरकार या इसके नियंत्रण वाले निगम’ को ऐसी इकाइयों की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव दिया गया है, जो विदेशी अनुदान हासिल करने के योग्य नहीं होंगे। इसमें एनजीओ के प्रशासनिक खर्च को वर्तमान 50 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है।

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