मध्य प्रदेश

‘लॉजिस्टिक हब’ में निवेश पर नाथ सरकार का फोकस

भोपाल
अगले पखवाड़े में इंदौर में हो रही ‘मैग्नीफिसेंट मप्र’ इन्वेस्टर्स समिट, 2019 को लेकर तैयारियां अब पूरा जोर पकड़ चुकी हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ स्वयं तैयारियों पर पूरी नजर रख रहे हैं। इस आयोजन के दौरान सरकार का फोकस लॉजिस्टिक हब के क्षेत्र में निवेश लाने पर बना हुआ है। प्रदेश सरकार चुनिंदा जगहों पर ऐसे हब स्थापित करना चाहती है। यही वजह है कि राज्य सरकार लॉजिस्टिक हब एवं वेयर हाउसिंग के लिए अलग से नीति तक बना चुकी है। इसके अच्छे परिणाम आना दिखना शुरु हो गए हैं। इसकी शुरुआत रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा प्रदेश में ग्लोबल लॉजिस्टिक हब की स्थापना की तैयारी के रूप में कर दी गई है। प्रदेश की भौगोलिक स्थिति, विभिन्न राज्यों से संपर्क और बंदरगाह तक पहुंच आदि, लॉजिस्टिक हब के लिए अनुकूल हैं। लॉजिस्टिक हब जहां स्थापित होता है, वहां की औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों में तो बढ़ोतरी होती ही है, साथ ही यह देश के समय आर्थिक विकास में भी मददगार साबित होता है। मप्र में एक अच्छे लॉजिस्टिक हब की सारी खूबियां और संभावनाएं मौजूद हैं। राज्य सरकार प्रदेश को गुजरात और महाराष्ट्र के प्रमुख बंदरगाहों से जोड़ रही है, जिससे यहां से माल परिवहन की गति तेज की जा सके।

क्या है लॉजिस्टिक हब
लॉजिस्टिक हब वह कारोबारी केंद्र होता है, जहां विभिन्न प्रकार की व्यापारिक गतिविधियों को एक साथ अंजाम दिया जा सके। इसमें परिवहन, वस्तुओं का वर्गीकरण करना, उनका वितरण करना और उन्हें देश और विदेश में अलग-अलग स्थानों पर पहुंचाने के लिए मालवहन करना आदि शामिल हैं। किसी भी देश और प्रदेश के कारोबार और निर्यात आदि में लॉजिस्टिक व्यय की बहत अहम् भूमिका होती है।

मध्यप्रदेश क्यों

  • मप्र में देश का शीर्ष लॉजिस्टिक हब बनाने की संभावनाएं मौजूद हैं।
  • मप्र की सीमाएं देश के 5 बड़े राज्यों से मिलती है और इन राज्यों में रहने वाली देश की लगभग 50 प्रतिशत आबादी मप्र से प्रत्यक्ष संपर्क रहती है।
  • मप्र में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध जमीन भी लॉजिस्टिक हब बनाने के लिए आकर्षण का केंद्र है।
  • अकेले मप्र औद्योगिक विकास निगम के पास ही 120 लाख एकड़ जमीन उपलब्ध है।
  • मप्र में कुशल अर्ध कुशल श्रमिक अच्छी खासी संख्या में मौजूद है। इसका लाभ लॉजिस्टिक हब में मौजूद कंपनियां ले सकती है। इससे स्थानीय रोजगार में इजाफा होगा और कंपनियों की लागत में भी कमी आएगी।

‘मैगनीफिसेंट मप्र’ में भाग जम्मू-कश्मीर व हिप्र भी लेगा भाग
‘मैगनीफिसेंट मप्र’ इन्वेस्टर्स समिट में जम्मू और हिमाचल प्रदेश के उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव भी आएंगे। वे समिट को लेकर एक-एक चीज के बारे में विस्तार से जानकारी लेंगे। जम्मू में फरवरी, 2020 में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट होना है, यही वजह है कि प्रमुख सचिव समिट में शामिल हो रहे हैं। इसके अलावा समिट में नीति आयोग के उपाध्यक्ष अमिताभ कांत भी शामिल होंगे।

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