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‘लुकाछिपी ज्यादा दिन नहीं चलेगी, LoC पार करनी पड़ी तो करेंगे’

नई दिल्ली
पाकिस्तान ने भले ही बालाकोट में अपने आतंकी कैम्प को फिर से ऐक्टिव कर लिया हो, लेकिन आर्मी चीफ बिपिन रावत ने  बातचीत में कहा कि भारत का रुख बिल्कुल स्पष्ट है कि वह पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर के माहौल का दुरुपयोग नहीं करने देगा।

दोनों स्ट्राइक ने यह संदेश दिया कि एलओसी पार नहीं किया जाएगा, जब तक दूसरी तरफ शांति है और माहौल को बिगाड़ने की कोशिश नहीं होती। पाकिस्तान आतंकियों को नियंत्रित करता है, जो उसके प्रॉक्सी की तरह काम करते हैं। ज्यादा समय तक हाइड-ऐंड-सीक का खेल नहीं चलेगा, अगर हमें सीमा पार जाना पड़ा, चाहे वह हवाई मार्ग से या थल मार्ग से, हम जाएंगे। रेड लाइन बहुत स्पष्ट तरीके से खींची हुई है, जो कि आगे की कार्रवाई को तय करेगा।

यह जुड़ा हुआ है। भारत द्वारा काफी सबूत पेश करने के बाद भी वे कहते रहते हैं कि वे आतंकियों को सपॉर्ट नहीं करते । 5 अगस्त के बाद क्या उन्होंने खुले तौर पर कश्मीर में जिहाद की बात नहीं कही है? यह जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को समर्थन करने की मौन स्वीकृति है। आप आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए रातोंरात ऐसी मशीनरी नहीं बना सकते। वह हमेशा से मौजूद था। पाकिस्तान में आतंकी शिविर रहे हैं, वे सिर्फ उसे एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करते रहे हैं। भारत के खिलाफ छद्म युद्ध लड़ना पाकिस्तान की नीति रही है।

परमाणु हथियार निवारण का हथियार है। ये युद्ध में लड़ने वाले हथियार नहीं हैं। मुझे यह समझ नहीं आता जब कोई यह दावा करता है कि वह उसका इस्तेमाल पारंपरिक युद्ध में करेगा, या उस पर हमले की स्थिति में करेगा। क्या कभी विश्व समुदाय आपको इस तरह से परमाणु हथियार का इस्तेमाल करने देगा? पाकिस्तान का बयान रणनीतिक हथियारों के इस्तेमाल की अनुचित समझ को दर्शाता है।

5 अगस्त के बाद घुसपैठ की कोशिशें बढ़ी हैं। घाटी में आतंकी संगठनों में नेतृत्व का शून्य पैदा हो गया है। पाकिस्तान फिर से हिंसा पैदा करने की दिशा में युवाओं को भड़काने के लिए कुछ लोगों को सीमा पार भेजने को व्याकुल है। लेकिन हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भी आतंकी हमारी सीमा में नहीं घुस पाए और हम संदिग्ध गतिविधियों पर निशाना साध रहे हैं। हमारा मकसद घुसपैठ को रोककर कश्मीर की शांति सुनिश्चित करना है।

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