रायपुर
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत लाभार्थी किसानों तथा अन्य सभी योग्य कृषकों को किसान क्रेडिट कार्ड (के.सी.सी.) के दायरे में लाया जाएगा। इस प्रक्रिया को सुविधा जनक बनाने के लिए प्रोसेसिंग, डॉक्यूमेंटेशन, इंस्पेक्शन और लीडर फोलियों चार्ज्स के साथ अन्य सर्विस चार्ज्स को माफ किया गया है। इसी तरह किसानों से पूर्ण आवेदन प्राप्त होने के 14 दिनों के भीतर बैकों को के.सी.सी जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।
रायपुर जिले में यह अभियान जिला कलेक्टर के निर्देशन में लीड बैंक सहित विभिन्न विभागों की सहायता से चलाया जा रहा है। कलेक्टर ने इस संबंध में बैंक सहायकों, सरपंच, पंचायत सचिवों, कृषि एवं राजस्व के मैदानी अमलों, स्वयं सहायता समूहों को भागीदारी सुनिश्चित करने को कहा है। उन्होंने पात्र किसानों को के.सी.सी. बनाने हेतु प्रोत्साहित करने को कहा है। इसी संदर्भ में आज अपर कलेक्टर श्री मती पदमिनी भोई ने अधिकारियों की बैठक ली।
उप संचालक कृषि ने बताया कि मिशन मोड में सभी पीएम. किसान लाभार्थियों को के.सीसी. का लाभ प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। के.सी.सी का लाभ उठाने, ऋण सीमा बढ़ाने, निष्क्रिय के.सी.सी. कार्ड वाले किसान पुन: कार्ड को सक्रिय करने के लिए पी.एम किसान लाभार्थी बैंक शाखाओं से संपर्क कर सकते है। ऐसे किसान जिनके पास के.सी.सी है और पशुधन और मत्स्यपालन के लिए इसे शामिल करना चाहते है, वे भी बैंक से संपर्क कर सकते हंै।
उल्लेखनीय है कि के.सी.सी से ऋण लेने पर कृषि और उद्यानिकी क्षेत्र के लिए तीन लाख रुपए तक की राशि में एक प्रतिशत का ब्याज लगेगा। गाय पालन एवं मछली पालन हेतु दो लाख रुपए तक के ऋण में भी केवल एक प्रतिशत ब्याज लगेगा। मुर्गी पालन, बकरी पालन और सुअर पालन के लिए तीन प्रतिशत का ब्याज लगेगा। तीन लाख रुपए तक के ऋण के लिए सभी प्रकार के लिए बैंक प्रोसेसिंग शुल्क माफ रहेगें।
इच्छुक पी.एम किसान लाभार्थियों को भूमि रिकॉर्ड, फसल विवरण और एक घोषणा के साथ एक पृष्ठ सरलीकृत फॉर्म भरना होगा। कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से भी पी.एम. लाभार्थियों के लिए फॉर्म भरने की प्रक्रिया को भी सक्रिय किया गया है। इस तरह इस योजना के अंतर्गत पंजीकृत किसान संबंधित बैंकों अथवा जन सेवा केन्द्र में आवेदन कर आसानी से कृषि ऋण प्राप्त कर सकते हैं। बैठक में बताया गया कि पटवारियों को पी.एम. किसानों की ग्राम वार सूची प्रदान की गई है।योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा किसानों को लाभन्वित करने का पर जोर दिया गया।