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‘लादेन किलर’ भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल हुआ, जानें मारक क्षमता

 नई दिल्ली 
विश्व के सबसे खतरनाक लड़ाकू अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों के शामिल होने से भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता में इजाफा होगा। इन हेलीकाप्टरों की मदद से वह दुर्गम सीमावर्ती इलाकों में दुश्मन के खिलाफ बड़े अभियानों को अंजाम दे सकेगी। पठानकोट में इनकी तैनाती को रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। इससे पूर्व वायुसेना में दुर्गम इलाकों में हथियारों, रसद, सैनिकों आदि के परिवहन के लिए अत्याधुनिक चिनूक हेलीकाप्टर शामिल किए गए थे। अब इसी महीने वायुसेना को फ्रांस से राफेल विमानों की आपूर्ति भी शुरू हो जाएगी। संभावना है कि अगले दो सालों के भीतर वायुसेना को सभी चिनूक, अपाचे और राफेल विमानों की आपूर्ति हो जाएगी। इन तीनों के शामिल होने से वायुसेना की क्षमता में भारी इजाफा होगा।

दुश्मन के लिए सबसे घातक हेलीकॉप्टर अपाचे एक मिनट में 128 लक्ष्यों पर निशाना लगाने में सक्षम है। हेलीकॉप्टर का मुख्य पायलट पीछे ऊंची सीट पर बैठ कर इसे कंट्रोल करता है। जबकि दूसरा पायलट निशाना लगाता है और फायर करता है। 

अपाचे हेलीकॉप्टर की सबसे खास बात है कि इसी की मदद से अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को पकड़ा था। ओसामा बिन लादेन को पकड़ने में भी अपाचे का इस्तेमाल किया गया था और अमेरिका ने उसे मौत के घाट उतारा था। अपाचे का डिजाइन ऐसा है कि इसे रडार पर पकड़ना मुश्किल होता है। 

खासियतें:

अपाचे हेलीकॉप्टर के नीचे लगी राइफल में एक बार में 30एमएम की 1200 गोलियां भरी जा सकती हैं
16 एंटी टैंक मिसाइल छोड़ने की क्षमता के चलते सबसे खतरनाक है अपाचे 
16 फीट ऊंचे और 18 फीट चौड़े हेलीकॉप्टर को उड़ाने के लिए दो पायलट होना जरूरी
02 इंजन होते हेलीकॉप्टर के बड़े विंग को चलाने के लिए, इसलिए रफ्तार बहुत ज्यादा  
3 घंटे से ज्यादा समय तक उड़ सकता है एक बार में अपाचे हेलीकॉप्टर
भारत के अलावा 16 और देशों मसलन मिस्र, ग्रीस, इंडोनेशिया, इजरायल, जापान, कुवैत, नीदरलैंड्स, कतर, सऊदी अरब और सिंगापुर समेत 16 देशों के पास अपाचे हेलीकॉप्टर हैं। बोइंग विश्वभर में अपने उपभोक्ताओं को 2,200 अपाचे हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति कर चुकी है।

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