मनोरंजन

लता मंगेशकर ने ऐसा क्यों कहा, ‘खुद को कभी खास नहीं समझा’

 मुंबई 
लता मंगेशकर 28 सितंबर को अपना 9०वां जन्मदिन मनाने जा रही हैं। इसी मौके पर दिग्गज गायिका ने आईएएनएस से बातचीत की। यह पूछे जाने पर कि फिर से साल का वह दिन आने वाला है। लता मंगेशकर ने कहा, 'इसमें क्या खास है? यह दूसरे आम दिनों की तरह ही है क्यों?'

दुनिया के कुछ महान कलाकार, राजनेता और संगीत के पारखी उनको सबसे महान गायिका घोषित कर चुके हैं और इस दिन सभ्यता का सबसे प्रतिभाशाली गायक पैदा हुआ था, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'ऐसा लोग सोचते हैं, यह उनका प्यार है। मैंने खुद को कभी खास नहीं समझा।'

उन्होंने कहा, 'मेरे गायन को सुनने और सराहने वालों ने मुझे विशेष बताया लेकिन मैंने कभी भी अपने आप को इतना खास नहीं समझा। मेरा उद्देश्य जीवन में खुद को एक अच्छा व्यक्ति और एक बेहतर कलाकार बनाने का रहा है।'

यह पूछे जाने पर कि जावेद अख्तर ने आपके गायन को पूर्णता का प्रतीक कहा है। आप पूर्णता पर कैसे सुधार कर सकते हैं?

उन्होंने कहा, 'मेरे बहुत सारे गाने दोषरहित माने जाते हैं लेकिन वास्तव में वह त्रुटिपूर्ण हैं। जिन खामियों को आप नहीं सुन सकते उन्हें मैं सुन सकती हूं और मेरा विश्वास करें, मैं हर बार अपने गायन में उन खामियों को सुनती हूं।'
 
आप किस तरह से एक इंसान के रूप में खुद को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयास करती हैं इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'मेरा सबसे बड़ा दोष मेरा उग्र स्वभाव था। बचपन में भी मुझे बेहद गुस्सा आता था। मैं जल्दी गुस्सा कर दिया करती थी। समय बदला और मैं बड़ी हुई। फिर एक ऐसा वक्त आया जब मैंने इसमें विजय पा ली। मुझे कभी-कभी आश्चर्य होता है कि मेरे भयंकर स्वभाव का अब क्या हो गया है।'

>

About the author

info@jansamparklife.in

Leave a Comment