नई दिल्ली
आर्थिक मोर्चे पर सुस्ती की वजह से विपक्ष की आलोचना झेल रही मोदी सरकार को मामूली राहत मिली है. दरअसल, ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (जीडीपी) ग्रोथ रेट के आंकड़ों में थोड़ा सुधार हुआ है. ये आधिकारिक आंकड़े वित्त वर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही (सितंबर-दिसंबर) के हैं. ताजा आंकड़े बताते हैं कि दिसंबर तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट सुधर कर 4.7 फीसदी पर आ गई है.
जीडीपी ग्रोथ रेट के ताजा आंकड़े ऐसे समय में आए हैं जब दुनियाभर में कोरोना वायरस की वजह से मंदी जैसा माहौल है. यही वजह है कि तमाम एजेंसियां ये अनुमान लगा रही थीं कि दिसंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट में कोई बदलाव नहीं होगा. इसके उलट जीडीपी ग्रोथ रेट में सुधार हुआ है. ये लगातार 6 तिमाही बाद है जब जीडीपी ग्रोथ में तेजी आई है. हालांकि, कोरोना वायरस के संकट से देश की इकोनॉमी अब भी अछूती नहीं है.
बता दें कि देश की सुस्त पड़ी इकोनॉमी को बूस्ट देने के लिए सरकार ने बीते साल कई अहम फैसले लिए थे. सरकार की ओर से ये कहा गया था कि इन फैसलों का असर धीरे-धीरे देखने को मिलेगा.
लगातार 6 तिमाही ये था हाल
अगर बीते 6 तिमाही की बात करें तो देश की जीडीपी ग्रोथ रेट लगातार गिरी है. बीते वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में ग्रोथ रेट 8 फीसदी पर थी तो दूसरी तिमाही में यह लुढ़क कर 7 फीसदी पर आ गई. इसी तरह तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ की दर 6.6 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी पर रही.
वहीं अगर वित्त वर्ष 2019-20 की बात करें तो पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ की दर लुढ़क कर 5 फीसदी पर आ गई. वहीं दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट के आंकड़े 4.5 फीसदी पर थे. यह 6 साल में किसी एक तिमाही की सबसे बड़ी गिरावट थी. इससे पहले मार्च 2013 तिमाही में देश की जीडीपी दर इस स्तर पर थी.
पूरे वित्त वर्ष में क्या रहेगा हाल?
भारत सरकार के केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) ने वित्त वर्ष 2019-20 में सिर्फ 5 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रखने का अनुमान जाहिर किया है. वहीं सरकार के आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2020-21 में GDP ग्रोथ रेट 6-6.5 फीसदी के बीच रहने का अनुमान लगाया गया है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी अगले वित्त वर्ष में 6 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ रेट रहने की बात कही है.
कोर इंडस्ट्री में भी सुधार
इस बीच, कोर इंडस्ट्री के आंकड़ों में मामूली सुधार हुआ है. ताजा आंकड़े बताते हैं कि जनवरी में देश की आठ कोर इंडस्ट्री का ग्रोथ 2.2 फीसदी पर था, जो दिसंबर में 2.1 फीसदी रहा था. बता दें कि आठ कोर इंडस्ट्री में कोयला, कच्चा तेल, नेचुरल गैस, रिफाइनरी उत्पाद, फर्टिलाइजर्स, स्टील, सीमेंट तथा इलेक्ट्रिसिटी शामिल हैं.