भोपाल
राजधानी भोपाल (bhopal) में उस वक्त अजीबो-गरीब स्थिति पैदा हो गई जब कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह (congress mla laxman singh) अपने ही भाई और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह (digvijay singh) के बंगले के बाहर धरने (dharna)पर बैठ गए. लक्ष्मण सिंह करीब 200 समर्थकों के साथ यहां पहुंचे थे. मांग ये थी कि चाचोड़ा को ज़िला बनाया जाए. लक्ष्मण सिंह चाचौड़ा से ही कांग्रेस के विधायक हैं. बाद में दिग्विजय सिंह ने उनसे मुलाक़ात कर आश्वासन दिया और इसी के साथ लक्ष्मण सिंह धरना ख़त्म कर अपने घर लौट गए.
लक्ष्मण सिंह अपने निर्वाचन क्षेत्र चाचौड़ा को ज़िला बनाने की मांग कर रहे हैं. सोमवार को उन्होंने ट्वीट किया और मंगलवार को वो धरना देकर बैठ गए. लक्ष्मण सिंह का कहना है सीएम कमलनाथ जुलाई में ही चाचौड़ा को ज़िला बनाने का ऐलान कर चुके हैं. अब वो सिर्फ तारीख़ का ऐलान करने की मांग कर रहे हैं. जब तक तारीख का ऐलान नहीं होगा वो धरने पर बैठे रहेंगे.
लक्ष्मण सिंह ने कहा इशारों-इशारों में दिग्विजय सिंह पर निशाना साधा. उन्होंने कहा चाचौड़ा ने दिग्विजय सिंह को सब कुछ दिया बावजूद इसके वो आठ साल से वहां नहीं गए हैं.उन लोगों का पता लगाया जाना चाहिए जो दिग्विजय सिंह और चाचौड़ा की जनता के बीच दरार पैदा कर रहे हैं.
जिस वक्त लक्ष्मण सिंह अपने भाई के बंगले पर धरना दे रहे थे उसी दौरान दिग्विजय सिंह बंगले पर पहुंचे. लेकिन उन्होंने लक्ष्मण सिंह से न तो मुलाकात की न ही कोई बात की. दिग्विजय सिंह ने इतना ज़रूर कहा कि ये लक्ष्मण सिंह का घर है और वो यहां आ सकते हैं.चाचौड़ा को ज़िला बनाने की मांग वाले सवाल का दिग्विजय सिंह ने कोई जवाब नहीं दिया. बाद में शाम होते-होते दिग्विजय सिंह धरना स्थल पर आए और लक्ष्मण सिंह से मिले. उन्होंने आश्वासन दिया जिसके बाद लक्ष्मण सिंह ने धरना ख़त्म कर दिया.
ऐसा पहली बार नहीं है जब लक्ष्मण सिंह के कदम ने अपनों के ही लिए मुश्किल पैदा कर दी हो. इससे पहले कर्ज़माफी को लेकर दिए उनके बयान पर भी बवाल मच चुका है. लक्ष्मण सिंह ने कहा था कि मध्य प्रदेश में किसानों की कर्ज़माफी नहीं हुई है और राहुल गांधी को इस पर किसानों से माफी मांग लेना चाहिए.