भोपाल
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ने रैगिंग की रोकथाम करने के लिये अपनी तरफ से कार्रवाई शुरू कर दी है। कालेजों में नई कमेटियों का गठन नहीं हो सकी हैं। वर्तमान में पुरानी कमेटियां काम कर रही हैं। राज्य में गत वर्ष रैगिंग के काफी प्रकरण सामने आए थे, जिसमें सबसे ज्यादा दो दर्जन प्रकरण सिर्फ भोपाल के में दर्ज हुए थे।
प्रदेश के भर के कालेजों में विगत दो माह में दो दर्जन से ज्यादा शिकायतें यूजीसी की एंटी रैगिंग हेल्पलाइन पर दर्ज हो चुकी हैं। रैगिंग को राजधानी के कालेज गंभीर नहीं हैं। वे नियमों में लापरवाही बरत रहे हैं। कालेजों ने अभी तक रैगिंग रोकने कोई खास कदम नहीं उठाये हैं। कालेजों में पुरानी कमेटियां काम कर रही हैं। सत्र शुरू हुये एक महीना बीतने वाला और कालेजों के नोटिस बोर्ड पर अभी तक रैगिंग की गाइड लाइन नहीं लग सकी।
प्रोफेसरों का कहना है अभी तक कालेजों कमेटी के सदस्यों के नंबर सार्वजनिक नहीं किये गये हैं। कोई घटना घटती है, तो विद्यार्थी कहां सूचित करेगा। बीयू पत्र लिख कालेजों को सूचित करने की तैयारी में है। कालेज रैगिंग की रोकथाम करने के लिये सुप्रीम कोर्ट और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा जारी की गई गाइड लाइन का अनुसरण करेंगे।
बीयू के सभी विभागों की दिवालों पर रैगिंग संबंधी स्लोगन लिखे जाएंगे। वहीं कालेजों में पोस्टर लगाए जाएंगे। जूनियर विद्यार्थियों की निगरानी करने के लिये प्रोफेसर तैनात किये जाऐं। इसके साथ सीनियर छात्रों को जूनियर छात्रों के साथ भाईचारा के साथ रहने की सीख दी जाएगी।