रिटायरमेंट के बाद चाहिए कितना पैसा? ऐसे करें कैलकुलेशन और प्लैनिंग

यदि आप रिटायरमेंट के करीब पहुंच रहे हैं तो अपने रिटायरमेंट को आरामदायक बनाने के लिए रखे गए पैसों का मूल्यांकन कर रहे होंगे। हो सकता है कि आपने पहले ही अपने प्रविडेंट फंड और अन्य स्मार्ट इन्वेस्टमेंट्स के माध्यम से एक पर्याप्त रिटायरमेंट फंड तैयार कर लिया हो। यदि आपने अभी तक ऐसा कोई इन्वेस्टमेंट नहीं किया है तो चिंता न करें, क्योंकि नाना मामा से काना मामा अच्छा होता है, इसलिए यदि आपकी उम्र 50 साल से ज्यादा हो गई है, तब भी आप अभी से इसकी शुरुआत कर सकते हैं।

हमारे देश की अर्थव्यवस्था किस दिशा में आगे बढ़ रही है, इस संबंध में काफी अनिश्चितता भरी बातें हो रही है और सभी उम्र के निवेशक शेयर बाजार में अपनी मेहनत की कमाई को निवेश करने से घबरा रहे हैं। यदि आप वोलेटाइल इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस में निवेश करके बहुत ज्यादा जोखिम उठाना नहीं चाहते हैं तो कई अन्य इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करने के बारे में सोच सकते हैं। इनका रिटर्न बहुत अधिक नहीं भी हो सकता है, लेकिन वे इतने जरूर होंगे जिससे आपकी मदद हो सके। आइए, कम जोखिम वाले सबसे अच्छे इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस में से कुछ पर एक नजर डालते हैं:

सीनियर सिटिजंस सेविंग्स स्कीम (SCSS): SCSS एक ऐसा सेविंग्स इंस्ट्रूमेंट है, जिसे सरकार का समर्थन प्राप्त है और इसे 60 साल से ज्यादा उम्र के भारतीय नागरिकों के लिए तैयार किया गया है। इस स्कीम 5 साल में मैच्योर होता है। वर्तमान में इसका इंट्रेस्ट रेट 8.6% प्रति वर्ष है, जिससे यह कम जोखिम वाले अन्य ऑप्शंस की तुलना में काफी आकर्षक ऑप्शन बन जाता है, जिससे यह आपके रिटायरमेंट के लिए एक अच्छा इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट है।

पोस्ट ऑफिस सेविंग्स स्कीम्स : यदि आपको एक मंथली इनकम की जरूरत है तो आप पोस्ट ऑफिस सेविंग्स स्कीम्स की मदद ले सकते हैं। इसका इंट्रेस्ट रेट 7.6% प्रति वर्ष है और इसमें आप अधिक से अधिक 4.5 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं।

पब्लिक प्रविडेंट फंड (PPF): PPF की गिनती सबसे सुरक्षित इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट्स में की जाती है, क्योंकि इसे भारत सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है और इस पर मिलने वाला इंट्रेस्ट टैक्स फ्री होता है। चक्रवृद्धि ब्याज की ताकत के कारण PPF अधिकांश निवेशकों के लिए एक आकर्षक ऑप्शन बन जाता है, लेकिन इसका इन्वेस्टमेंट पीरियड 15 साल का होता है और इसलिए जल्दी रिटायर होने पर इसे भुनाना मुश्किल हो सकता है।

फिक्स्ड डिपॉजिट : फिक्स्ड डिपॉजिट, जोखिम विरोधी निवेशकों का बेहद पसंदीदा इन्वेस्टमेंट ऑप्शन बन चुका है। इसका रिटर्न कम होता है, लेकिन इन्वेस्टमेंट रिस्क भी कम होता है, जिसका मतलब है कि इसमें निवेश करने पर आपका पैसा सुरक्षित रहेगा और आपको सुनिश्चित रिटर्न मिलेगा। वर्तमान में बैंक FD का इंट्रेस्ट रेट 6.5% से 7% के आसपास है और इसका इन्वेस्टमेंट पीरियड 7 दिन से 10 साल तक होता है। लेकिन अपना सारा पैसा एक बैंक में न रखें। एक से अधिक बैंकों में पैसे निवेश करके अपने जोखिम को डाइवर्सिफाई करना सबसे अच्छा होता है।

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) : NPS लोगों को पेंशन की सुविधा देने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधा है। यह रिटायरमेंट की उम्र के करीब पहुंच चुके लोगों के लिए एक बढ़िया इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है, क्योंकि यह सिर्फ तभी मैच्योर होता है, जब आप 60 साल के हो जाते हैं। NPS के तहत होने वाला मुनाफा कुल रकम का 60% तक टैक्स फ्री होता है, जिससे यह निवेशकों के लिए एक आकर्षक ऑप्शन बन जाता है।

सेविंग्स अकाउंट : सेविंग्स अकाउंट तकनीकी दृष्टि से कोई इन्वेस्टमेंट नहीं है, लेकिन इस पर 4% प्रति वर्ष की दर से एक मामूली रिटर्न मिलता है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह आपको अपने पैसे रखने का एक माध्यम प्रदान करता है।

सर्टिफिकेट्स ऑफ डिपॉजिट : बैंकों द्वारा ऑफर किए जाने वाले सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट में नुकसान होने का कोई डर नहीं होता है, क्योंकि यह मामूली लेकिन फिक्स्ड रिटर्न देता है और आपके पैसे को बढ़ने में मदद करता है।

अपने निवेश की रक्षा करना
सेविंग्स इंस्ट्रूमेंट्स में पैसे निवेश करना काफी नहीं है, खास तौर पर तब जब आपके रिटायरमेंट के करीब पहुंच रहे हों। भविष्य में पैदा हो सकने वाली किसी स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या के लिए सही मेडिकल कवरेज लेने के साथ-साथ अपने आश्रितों के फाइनैंशल भविष्य को सुरक्षित करना भी जरूरी है। इसके लिए आप तीन तरह के प्रोटेक्शन प्लान पर गौर कर सकते हैं।

1. हेल्थ इंश्योरेंस : बुढ़ापे में स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं के पैदा होने की सम्भावना जवानी की तुलना में काफी अधिक होती है। यदि आपने अभी तक एक कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस प्लान नहीं लिया है तो अब आपको इसके बारे में सोचना चाहिए, क्योंकि मेडिकल इमर्जेंसी के समय यह आपके खर्च को काफी हद तक कम करने में मदद करेगा।

2. लाइफ इंश्योरेंस : जैसा हम सब जानते हैं कि सभी को एक न एक दिन मरना ही है। आप इससे बच नहीं सकते, लेकिन आप अपनी गैर मौजूदगी में अपने आश्रितों के कन्धों पर आने वाले फाइनैंशल बोझ को कम तो कर ही सकते हैं। एक टर्म इंश्योरेंस प्लान लेकर आप ऐसा कर सकते हैं, क्योंकि आपकी गैर मौजूदगी में इसकी मदद से आपके परिवार को काफी फाइनैंशल मदद मिलेगी और वे एक अच्छी जिंदगी गुजार पाएंगे।

3. इमर्जेंसी फंड : जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है, इमरजेंसी कभी भी आ सकती है और आपकी जेब में एक बड़ा छेद कर सकती है। एक इमर्जेंसी फंड में कुछ पैसे अलग रखकर यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि आप जिंदगी में आने वाली किसी भी इमर्जेंसी के लिए तैयार हैं और आपके फाइनैंस पर कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा जैसा आम तौर पर इमर्जेंसी फंड की गैर मौजूदगी में होता है।

आपका रिटायरमेंट, आपकी जिंदगी का सबसे अच्छा समय होना चाहिए, लेकिन इसके लिए आपको सही इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट करना पड़ेगा और उनकी रक्षा भी करनी पड़ेगी। ऊपर बताए गए टिप्स की मदद से आप अपने रिटायरमेंट को सही मायने में आनंददायक बना सकते हैं।

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