मध्य प्रदेश

राजस्व विभाग जल्द लागू करेगा नयी व्यवस्था, भरेगा खजाना

भोपाल
लीज पर जमीन लेकर उसमें गृह निर्माण सहकारी समिति की प्लाटिंग कर बेचने और इसके बाद मुनाफा कमाकर सोसायटी का परिसमापन करने या भाग जाने वाले लोगों पर राजस्व विभाग सख्ती करेगा। यह सख्ती राजस्व वसूली के लिए की जाएगी। इसके लिए नजूल की जमीन बेच चुकी हाउसिंग सोसायटियों में रहने वाले लोगों से सीधे संपर्क करने का काम भी किया जाएगा ताकि राजस्व वसूला जा सके। यह राशि तब वसूल की जाएगी जब भूखंड पर काबिज लोगों द्वारा नवीनीकरण या अन्य दस्तावेजों के माध्यम से आवेदन किए जाएंगे। इतना ही नहीं, अगर किसी व्यक्ति ने जमीन के लैंड यूज में परिवर्तन कर लिया है तो उससे भी नियमों के आधार पर राशि वसूल की जाएगी।

नजूल निवर्तन नियम में इस तरह के प्रावधान करके राजस्व विभाग जल्द ही इस व्यवस्था को प्रदेश में लागू करने जा रहा है। शासन द्वारा इसके लिए नियम बनाने का काम पूरा कर लिया गया है। इसके लिए अब वित्त विभाग की मंजूरी का इंतजार है। वित्त की मंजूरी मिलने के बाद राजस्व विभाग कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर इस व्यवस्था को प्रभावी करने वाली है। अफसरों के मुताबिक व्यवस्था में बदलाव का यह काम शहरी क्षेत्र की जमीन पर राजस्व विभाग का मालिकाना हक बनाए रखने और इससे होने वाली आय को सुचारू रखने के लिए किया जा रहा है। इसी को लेकर नजूल निवर्तन नियम बनाने का काम किया गया है। फिलहाल की व्यवस्था में प्रदेश के कई जिलों में नजूल की जमीन पर काबिज लोगों के मालिकाना स्थिति साफ नहीं है। लाखों लोगों ने नजूल की जमीन लेने के बाद उसे दूसरे को बेच दिया है और जमीन या भवन खरीदने वाला अब नजूल रेंट का भुगतान नहीं कर रहा है। इससे शासन को नजूल रेंट के रूप में मिलने वाला राजस्व नहीं मिल रहा और सरकारी जमीन खुर्द बुर्द करने का काम भी हो रहा है।

नजूल के नए नियमों में हाउसिंग बोर्ड के साथ जिलों में काम कर रहे विकास प्राधिकरण भी शामिल हैं जिनके द्वारा राजस्व विभाग से जमीन का आवंटन कराया गया। जमीन किसी को बेच दी गई और शासन को दिया जाने वाला राजस्व नहीं चुकाया जा रहा है। नए प्रावधानों में इस वसूली पर फोकस किया गया है। इसके साथ ही ऐसी गृह निर्माण सहकारी समितियां जिन्हें लीज पर जमीन दी गई थी। उनके द्वारा जमीन बेचने के बाद सोसायटी का परिसमापन करा दिया गया। अब चूंकि सोसायटी ही वजूद में नहीं है तो ऐसे में सरकार को नजूल की जमीन से मिलने वाला राजस्व भी नहीं मिल रहा है। ऐसे मामले भी नए नियमों के दायरे में लाए गए हैं। ऐसी सोसायटियों में रहने वाले लोगों से नजूल के रूप में वसूली जाने वाली राशि किस तरह से जमा करानी है और इसके लिए क्या प्रक्रिया अपनाई जानी है? इसका प्रावधान नए नियमों में किया गया है। इन नए प्रावधानों के लागू होने के बाद शासन की जमीन का रिकार्ड तैयार होगा और राजस्व भी बढ़ेगा।

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