नई दिल्ली
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने अपने खिलाफ राजद्रोह का केस चलाने की मंजूरी मिलने के बाद प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने अपने खिलाफ राजद्रोह का केस चलाने की मंजूरी देने के लिए दिल्ली की केजरीवाल सरकार को शुक्रिया कहा है. साथ ही मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने की मांग की है.
सीपीआई नेता कन्हैया कुमार ने ट्वीट किया, 'राजद्रोह केस में फास्ट ट्रैक कोर्ट और त्वरित कार्रवाई की जरूरत इसलिए है, ताकि देश को पता चल सके कि कैसे राजद्रोह कानून का दुरुपयोग इस पूरे मामले में राजनीतिक लाभ और लोगों को उनके बुनियादी मसलों से भटकाने के लिए किया गया है.'
सीपीआई नेता कन्हैया कुमार ने आगे कहा, 'दिल्ली सरकार को राजद्रोह केस चलाने की परमिशन देने के लिए धन्यवाद. दिल्ली पुलिस और सरकारी वकीलों से आग्रह है कि इस केस को अब गंभीरता से लिया जाए. फास्ट ट्रैक कोर्ट में स्पीडी ट्रायल हो और कानून की अदालत में न्याय सुनिश्चित किया जाए. सत्यमेव जयते.'
कन्हैया कुमार ने कहा कि पहली बार मुकदमे में चार्जशीट तब दाखिल की गई थी, जब मैं चुनाव लड़ने वाला था और अब फिर से बिहार में चुनाव होने वाले हैं. बिहार में NDA की सरकार है, जहां BJP है और उस सरकार ने NRC-NPR के खिलाफ विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया है. कन्हैया कुमार ने कहा कि इस मामले को राजनीतिक फायदे के लिए लटकाया गया था.
केजरीवाल सरकार ने कन्हैया के खिलाफ केस चलाने की दी मंजूरी
गुरुवार को दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने जेएनयू के छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर राजद्रोह का केस चलाने की मंजूरी दे दी थी. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने केजरीवाल सरकार से कन्हैया कुमार के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी मांगी थी, जिसकी फाइल काफी समय से लटकी हुई थी. हाल ही में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को फिर से निर्देश दिया था कि वो केजरीवाल सरकार से मामले में अपना रुख साफ करने को कहे.
इसके बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने फिर से खत लिखकर केजरीवाल सरकार से केस चलाने की मंजूरी देने की अपील की थी. अब इस मामले में कन्हैया कुमार के अलावा उमर खालिद, अनिर्बान, आकिब हुसैन, मुजीब, उमर गुल, बशरत अली और खालिद बसीर पर राजद्रोह का मुकदमा चलाया जाएगा.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 9 फरवरी 2016 को जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी परिसर में नारेबाजी के वीडियो सामने आए थे. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने इन वीडियो की जांच की थी और तत्कालीन जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार समेत अन्य के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया था. आरोप है कि वीडियो में दिख रहे लोगों ने जेएनयू परिसर में देश विरोधी नारेबाजी की थी. फिलहाल कन्हैया कुमार सीपीआई के नेता हैं. हाल ही में कन्हैया कुमार ने बेगूसराय से सीपीआई के टिकट से लोकसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन उनको हार का मुंह देखना पड़ा था.