छत्तीसगढ़

ये कोई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हैं, जो उन्हें पेंशन दिया जाए- CM भूपेश बघेल

रायपुर
 मीसाबंदियों का पेंशन खत्म करने को लेकर सरकार को कटघरे में खड़े किए जाने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तीखा जवाब दिया है. उन्होंने सीधा सवाल किया कि क्या ये लोग (मीसा बंदी) कोई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हैं, जो उन्हें पेंशन दिया जाए. किसी को कोई आपत्ति है तो वह कोर्ट चले जाए, इसमें कोई दिक्कत नहीं है.

बता दें कि राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि नियम 2008 को रद्द कर दिया है. साल 2008 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने आपातकाल के दौरान छत्तीसगढ़ के राजनैतिक या सामाजिक कारणों से मीसा, डीआईआर के अधीन निरूध्द व्यक्तियों को सहायता देने के लिए लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि नियम 2008 बनाया था. इसमें मीसा बंदियों को प्रतिमाह जेल में रहने की अवधि के अनुसार राशि दी जा रही थी.

इस पर कांग्रेस के प्रवक्ता विकास तिवारी ने सरकार को पत्र लिखते हुए मीसा बंदियों पर खर्च की जाने वाली लाखों-करोड़ो रुपयों की राशि के वितरण पर रोक लगाने और इस नियम को समाप्त करने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मांग की थी.

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