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यूपी सरकार की यूनिक पहल, हर साल 10 लाख परिवार को मिलेगा रोजगार

 यूपी 
यूपी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक रोजगार मुहैया कराने के लिए अब मनरेगा को हथियार बनाया है। मनरेगा की धनराशि से प्रत्येक वर्ष प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 10 लाख से अधिक परिवारों को सीधे रोजगार से जोड़ा जाएगा। योजना बनने के साथ ही 10 हजार परिवार इसके लिए चिन्हित भी कर लिए गए हैं। 

हर पंचायत में जोड़ेंगे कम से कम 12 परिवार
प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई इस योजना को केंद्र सरकार ने मंजूर भी कर लिया है। योजना के तहत इस वर्ष प्रत्येक पंचायत में न्यूनतम 12 परिवार को जोड़ा जाएगा। इस वर्ष कम से कम 10 लाख परिवारों को रोजगार देने की योजना सरकार की है। चिन्हित परिवारों के निजी खेतों में तालाब बनाना, किसानों के खेत में मेड़बंदी, वर्मी, नेपड कंपोस्ट का निर्माण, पशुओं के लिए बाड़े का निर्माण, किसानों के लिए अजोला इकाई की स्थापना, चारागार की भूमि का विकास, रेशम उत्पादन के लिए वृक्षारोपण, नर्सरी स्थापना, किसानों के समूह के लिए कृषि उत्पाद भंडार का निर्माण और कंपोस्ट पिट का निर्माण किया जाएगा। 

परिवार जो योजना का लाभ पाएंगे
योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, आदिवासी, एसईसीसी सूची में सूचीबद्ध पात्र, विधवा महिलाएं, दिव्यांग, लघु सीमांत किसान, प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी, वनवासी परिवारों को मनरेगा की इस योजना का लाभ मिलेगा। मनरेगा की धनराशि से इनके खेत, जमीनों और घरों पर ये काम मनरेगा मजदूरों से कराए जाएंगे। लाभार्थी का एक भी पैसा इसमें नहीं खर्च होना है। इस योजना से लाभान्वित होने वाले परिवार काम पूरा होने के साथ ही बगैर पूंजी लगाए सीधे रोजगार से जुड़ जाएंगे।

योजना के अन्य लाभ
इस कदम से छोटे भूमि क्षेत्रों का विकास होगा। कृषि उत्पादकता बढ़ेगी। गांवों में जल संचयन बढ़ेगा। कृषि उद्यमिता का विकास होगा। इसके अलावा खेती किसानी से संबंधित फैसले लेने में महिलाएं सक्षम हो सकेंगी। 

अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार ने बताया है कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में परिवारों को रोजगार से जोड़ते हुए उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करने की दिशा में यह कदम उठाया गया है। प्रत्येक वर्ष प्रत्येक पंचायत से न्यूनतम 12 परिवारों को हर हाल में योजना से लाभान्वित किया जाएगा। 

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