मध्य प्रदेश

मौजूदा परिस्थितियों में भेल को कैसे आगे बढ़ाएं, प्रबंधन ने मांगा सुझाव


भेल प्रबंधन ने बुलाई जेसीएम की मीटिंग, यूनियनों ने रखी अपनी बात

भोपाल. भेल प्रबंधन द्वारा गुरुवार को जेसीएम की मीटिंग बुलाई गई। इसका मुख्य उद्देश्य वर्तमान परिदृश्य में भेल को कैसे आगे बढ़ाया जाय इस संबंध में यूनियन प्रतिनिधियों से सुझाव मांगे गए थे। इस मौके पर सीएमडी नलिन सिंघल डायरेक्टर एचआर सहित भेल के प्रत्येक यूनिट से उच्च प्रबंधन और मान्यता प्राप्त यूनियन के केंद्रीय लीडर और यूनियन प्रतिनिधि शामिल हुए। इसमें इंटक यूनियन के रास्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजीवा रेड्डी भेल इंटक अध्यक्ष आरडी त्रिपाठी, अशोक सिंह सेंट्रल लीडर के रूप में मौजूद रहे। भेल यूनिट से इंटक प्रतिनिधि गौतम मोरे, राजेश शुक्ला, धर्मेन्द्र त्रिपाठी शामिल हुए।

बैठक में भेल से सम्बंधित हर पहलुओं पर चर्चा की गई। इसमें कैश कलेक्शन, फिजूलखर्ची रोकने, नए ऑर्डर के सम्बंध में चर्चा की गई। बैठक में भेल उच्च प्रबंधन ने कहा कि वर्तमान में भेल बुरे दौर से गुजर रहा है। इस समय हम सब को धैर्य एवं साहस के साथ काम करना चाहिए। पिछले दोनों तिमाही में भेल ने करीब 1500 करोड़ के घाटे में है। जिस वजह से भेल कर्मियों के आर्थिक हितों में की गई कटौती को चालू करना संभव नहीं है न ही भेल अभी दीवाली बोनस का भुगतान करने की स्थिति में है।

इस वर्ष भेल ने सरकार को डिविडेंट भी नहीं दिया है। इंटक के रास्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. जी संजीवा रेड्डी ने कहा कि ऑर्डर लाना कैश कलेक्शन करना प्रबंधन का काम है और काम करना वर्कर का काम है। वर्कर अपना काम पूरी इमानदारी के साथ कर रहा है। 60 वर्ष में पहली बार ऐसा हो रहा है कि वर्कर को दीवाली के त्योहार के पहले बोनस नहीं दिया जा रहा है। अगर आप कुछ भी देने को तैयार नहीं तो फिर आपके रास्ते अलग और हमारे रस्ते अलग हैं और पूरी जिम्मेदार प्रबंधन की होगी। अत: वर्कर के वेतन से की गई कटौती को शीघ्र वापस किया जाए। एवं भेलकर्मियों को बोनस के रूप में 15000 हजार रुपए एडहॉक के नाम पर दिया जाए।

भेल इंटक के अध्यक्ष आरडी त्रिपाठी ने कहा कि भेल की हजारों एकड़ जमीन उजड़ रही है, जिसे देखने वाला कोई नहीं है। अत: भेल कर्मियों को भिलाई पैटर्न पर जमीन का मालिकाना हक दे दिया जाए। इंसेन्टिव रिवार्ड स्कीम भेल भोपाल की जीवन रेखा है, कोरोना की आड़ में इसे रोक दिया गया है। अत: रिवॉर्ड स्कीम पुन: प्रारम्भ किया जाए।

एवं जल्द ही रोके गए पर्क डीए का भुगतान कर्मचारियों को किया जाए। यूनियन के दवाब के कारन अंतत: भेल प्रबंधन ने होल्ड किए हुए डीए का भुगतान नवम्बर माह की सैलरी से करने की घोषणा की और अप्रेल से अभी नवंबर माह तक काटे गए डीए का एरियर 15000 रुपए एडहॉक के तौर पर दीवाली के पहले 13 नवंबर को भुगतान करने की घोषणा की है। कर्मचारियों को दीपावली के त्योहार के पहले 15000 रुपए एडहॉक के नाम दिलवाने में इंटक के रास्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजीवा रेड्डी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वहीं प्रबंधन ने कहा कि जल्द ही कर्मचारियों के बोनस पर्क इंसेंटिव एवं अन्य कई विषयों पर अगले महीने जेसीएम की बैठक बुलाकर निर्णय किया जाएगा।

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