नई दिल्ली
जलवायु परिवर्तन को लेकर काम करने वालीं आठ साल की कार्यकर्ता लिकीप्रिया कंगुजाम नरेंद्र मोदी सरकार से नाराज हैं। उन्हें सरकार ने एक ऐसी शख्सियत के रूप में दिखाया जो प्रेरणा देती हैं लेकिन उन्होंने इस सम्मान पर नाखुशी जाहिर की।
पिछले साल वर्ल्ड चिल्ड्रन पीस सम्मान से नवाजी गईं लिकीप्रिया ने कहा है कि उन्हें सम्मान के बजाय सुना जाना चाहिए। सरकार की ओर से सोशल मीडिया पर उन्हें 'शी इंस्पायर्स अस' अभियान के तहत दिखाया गया लेकिन उन्होंने इस पर जवाब देते हुए इस सम्मान को ठुकराने का फैसला किया।
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लिकीप्रिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए लिखा, 'डियर पीएम, कृपया मेरे सम्मान पर जश्न ना मनाएं, यदि आप मेरी आवाज नहीं सुनने जा रहे हैं। 'शी इंस्पायर्स अस' के तहत मुझे उन लड़कियों और महिलाओं में से एक के रूप में चुनने के लिए शुक्रिया जो प्रेरित करती हैं। मैंने कई बार सोचा लेकिन फिर इस सम्मान को नहीं लेने का फैसला किया। जय हिंद।'
लिकीप्रिया के ट्विटर अकाउंट पर लिखा गया है कि इसे वह नहीं बल्कि उनके गार्जियन मैनेज करते हैं। बता दें कि 'शी इंस्पायर्स अस' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुरू किया गया 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का एक अभियान है।
पीएम मोदी ने साथ ही कहा था कि वह अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स उन महिलाओं को देंगे जिनकी कहानी प्रेरणा देती है। इसी के लिए सरकार का ट्विटर हैंडल ऐसी महिलाओं की कहानी शेयर कर रहा है जिन्होंने अच्छे काम करते हुए कइयों को प्रेरणा दी है।
लिकीप्रिया मणिपुर की एक पर्यावरण कार्यकर्ता हैं। पिछले साल उन्हें डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम चिल्ड्रन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।