न्यू यॉर्क
पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के साथ जॉइंट प्रेस ब्रीफ में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने एकबार फिर कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता का ऑफर दिया। अब इस मामले में जब भारत के एक वरिष्ठ राजनयिक से पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने सीधे तो उसपर कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन इतना जरूर कहा कि हमें पीएम नरेंद्र मोदी और ट्रंप के बीच होने वाली आधिकारिक बैठक का इंतजार करना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि ट्रंप ने सोमवार को खुद एक बेहद अच्छा मध्यस्थ बताते हुए भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन यह भी कहा था कि वह ऐसा तब करेंगे जब दोनों पक्ष की मंजूरी हो। उन्होंने 'हाउडी मोदी' इवेंट में पीएम मोदी के बयान को बेहद आक्रामक करार दिया, जिसमें उन्होंने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा था।
विदेश मंत्रालय ने पश्चिम मामलों के सचिव ए. गितेश शर्मा ने सोमवार को प्रेस ब्रीफिंग में पीएम मोदी के बयान पर ट्रंप की प्रतिक्रिया और मध्यस्थता के ऑफर पर पूछे गए सवाल पर कहा, 'पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच मंगलवार को मुलाकात होने वाली है। इसलिए हमें उसका इंतजार करना चाहिए।'
बता दें कि भारत हमेशा से यह कहता आया है कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मामला है और उसमें तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है। मध्यस्थता को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार से जब इस संबंध में पछा गया तो उन्होंने गितेश शर्मा के बयान का उल्लेख किया जिसमें उन्होंने मंगलवार के द्विपक्षीय बैठक का इंतजार करने की बात कही थी।
रवीश कुमार ने कहा, 'सेक्रटरी ने सोच-विचार कर ही प्रतिक्रिया दी है। आपको पता है, आपको हमारे रुख की जानकारी है। हमने पहले भी इसके बारे में कहा है। लेकिन मेरा अनुरोध है कि कल की मुलाकात तक इंतजार करें। यह अभी बहुत दूर नहीं है।'
उल्लेखनीय है कि ह्यूस्टन में हुए मेगा इवेंट के महज दो दिन बाद मोदी और ट्रंप के बीच द्विपक्षीय बैठक होने वाली है। इसके बाद ट्रंप संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे। ट्रंप संयुक्त राष्ट्र महासचिव द्वारा सोमवार को आयोजित क्लाइमेट ऐक्शन इवेंट में पीएम मोदी के भाषण को सुनने के लिए भी पहुंचे थे।