नई दिल्ली
लैंडर विक्रम से शनिवार को मिले झटके के बावजूद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चंद्रमा की ओर बढ़ने के प्रयास पर पूरी दुनिया ने गर्व जताया है. कई देशों के प्रमुखों ने ISRO के प्रयासों को सराहा है.
मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद्र जगन्नाथ ने कहा कि चंद्रमा के दक्षिणी धुव्र पर विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के उतारने के प्रयास के लिए भारत सरकार और इसरो की टीम को बधाई देता हूं. हालांकि इस बार यह सफल लैंडिंग नहीं थी, लेकिन दुनिया इंडियन स्पेशल प्रोग्राम की प्रमुख तकनीक से प्रेरणा लेगी. भविष्य में मॉरिशस, इसरो की टीम के साथ सहयोगी प्रयासों के लिए तत्पर है.
वहीं, भूटान के प्रधानमंत्री लोतेय शेरिंग ने इसरो के वैज्ञानिकों के साहस और चंद्रयान-2 पर की गई कड़ी मेहनत की तारीफ की. उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा यकीन है कि इसरो भविष्य में अपने अंतरिक्ष मिशन को जरूर पूरा कर लेगा. शेरिंग ने ट्वीट कर कहा, 'आज हम सभी को भारत और उसके वैज्ञानिकों पर गर्व है. चंद्रयान-2 ने अपने आखिरी मिनटों में कुछ चुनौतियों का सामना किया, लेकिन आपका साहस और कड़ी मेहनत ऐतिहासिक है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जानने के बाद, मुझे कोई शक नहीं है कि वह और उनकी इसरो टीम एक दिन इसे जरूर कर दिखाएंगे.'
देश में भी विभिन्न दल के नेताओं ने इसरो की सराहना की. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमें अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है और एक दिन हम जरूर चांद पर पहुंचेंगे. वहीं, बॉलीवुड के महानायक कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन ने भी इसरो की तारीफ की. उन्होंने लिखा, तू ना थकेगा कभी, तू ना मुड़ेगा कभी , तू ना थमेगा कभी, कर शपथ कर शपथ कर शपथ, अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ.
लता मंगेशकर ने कहा, केवल संपर्क टूटा है, संकल्प नहीं, हौसले अब भी बुलंद हैं. मुझे विश्वास है कि सफलता अवश्य मिलेगी. सारा देश इसरो के साथ है. हमारे वैज्ञानिकों पर हमें गर्व है. बस आप आगे बढ़िए.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को इसरो के वैज्ञानिकों को चंद्रयान -2 मिशन पर उनके असाधारण काम की तारीफ की. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों का जुनून और समर्पण हर भारतीय के लिए प्रेरणा है और रास्ते में आने वाली हर बाधा भविष्य की सफलता के लिए मील का पत्थर है.
राहुल ने ट्वीट किया, 'इसरो टीम को चंद्रयान 2 मिशन पर उनके असाधारण काम के लिए बधाई. आपका जुनून और समर्पण हर भारतीय के लिए एक प्रेरणा है.' पूर्व अध्यक्ष ने आगे ट्वीट किया, 'आपका काम व्यर्थ नहीं हुआ है. इसने कई पथ-प्रदर्शक और महत्वाकांक्षी भारतीय अंतरिक्ष मिशनों की नींव रखी है.'
वहीं सोनिया गांधी ने एक बयान में कहा, 'हम इसरो और उसके शानदार पुरुष और महिला कर्मचारियों के आभारी हैं. चंद्रयान 2 की यात्रा हमारे लिए थोड़ा लंबा हो सकता है, लेकिन इसरो का इतिहास निराशाजनक बाधाओं से परे उनके दृढ़ संकल्प के उदाहरणों से भरा हुआ है.'
उन्होंने आगे कहा, 'वे कभी हार नहीं मानते हैं. मुझे कोई संदेह नहीं है कि हम वहां पहुंचेंगे, अगर आज नहीं तो कल ही सही.' सोनिया गांधी ने याद करते हुए बताया कि इसरो के वैज्ञानिकों ने 115 सफल अंतरिक्ष अभियानों और चंद्रयान 1 (भारत का पहला चंद्रमा मिशन) और मंगलयान (मंगल मिशन) के साथ आश्चर्यजनक सफलताएं हासिल की हैं और राष्ट्र को अपनी अपार सफलताओं पर गर्व है. उन्होंने कहा कि कोई सफलता अंतिम नहीं है और रास्ते में आने वाली हर बाधा भविष्य की सफलता के लिए मील का पत्थर है.