अहमदाबाद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता किस कदर लोगों के सिर चढ़कर बोलती है यह उन पर किए गए शोधकार्य से फिर साबित हो गई है. सूरत शहर के एक अधिवक्ता मेहुल चौकसी ने बकायदा 9 साल के कड़े परिश्रम के बाद आखिरकार पीएम मोदी के विजन और उनके विकास कार्यों पर पीएचडी डिग्री हासिल कर ली है. उनके रिसर्च थीसिस का नाम 'लीडरशिप अंडर गवर्नमेंट- केस स्टडी ऑफ नरेंद्र मोदी' है.
मेहुल चौकसी गुजरात के सूरत शहर के रहने वाले हैं. उन्होंने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की लीडरशिप पर पीएचडी करने का विचार किया. उसके बाद उन्होंने नर्मदा साउथ गुजरात यूनिवर्सिटी (VNSGU) के लोक प्रशासन विभाग में संपर्क किया था. चौकसी ने VNSGU लोक प्रशासन विभाग के प्राध्यापक डॉ. निलेश जोशी के मार्गदर्शन में इस शोध कार्य को शुरू किया. उन्होंने 19 अप्रैल 2010 को विवि. में इसके लिए पंजीकरण करवाया था. उस दौरान मौजूदा प्रधानमंत्री गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे.
बीते 9 वर्षों में चौकसी ने लगातार मोदी के कार्यों को बारीकी से समझा-जाना और कानून की पेचीदगियों के साथ लोक प्रशासन की बारीकियों को भी गहराई से परखा. शोधकार्य में उन्होंने मोदी के पहले चुनाव से लेकर प्रधानमंत्री काल तक के सफर को शामिल किया.
इनमें वर्ष 2002 से लेकर 2012 तक के विधानसभा चुनाव में मोदी की जीत, साल 2014 के आम चुनाव में बड़ी सफलता, उनकी कार्य प्रणाली, आमजन के लिए योजनाएं व उनका क्रियान्वयन और सफलता तक के बिंदुओं को शामिल किया. साथ ही मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उनके दो बड़े फैसले नोटबंदी और जीएसटी को भी जोड़ा. रिसर्च थीसिस तैयार होने के बाद मेहुल ने उसे विश्वविद्यालय में प्रस्तुत कर डिग्री प्राप्त की.
नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री बने तबसे लेकर उनके प्रधानमंत्री बनने तक के सफर में जो उन्होंने कार्य किए लोग उनके बारे में क्या सोचते हैं उस पर रिसर्च कर 121 पन्ने की ये थीसिस तैयार की गई. सूरत के अधिवक्ता मेहुल चौकसी की पीएचडी की चर्चा खूब हो रही है.