नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती एक महीने से नजरबंद अपनी मां से मिल सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने चेन्नै में रह रहीं इल्तिजा को इसकी इजाजत दे दी है। इल्तिजा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी मां महबूबा से मिलने के इजाजत देने की गुहार लगाई थी।
सुप्रीम कोर्ट से मांगी थी इजाजत
इल्तिजा ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि वह अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म किए जाने के बाद से हिरासत में बंद अपनी मां से मिलना चाहती हैं और अधिकारियों को इसकी अनुमति देने का निर्देश दिया जाए। इल्तिजा ने कहा कि वह अपनी मां के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं क्योंकि उनकी उनसे एक महीने से मुलाकात नहीं हुई है।
सीताराम येचुरी को मिली इजाजत का दिया था हवाला
उनकी याचिका को सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस एस ए बोबडे और जस्टिस एस ए नजीर की पीठ के सामने के सामने सूचीबद्ध किया गया था। उनकी ओर से पेश अधिवक्ता आकर्ष कामरा ने कहा था कि याचिका में जिस तरह की राहत मांगी गई है, वह ठीक वैसी ही है जैसी कि मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी को 28 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने उनके बीमार पार्टी नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी से मिलने के लिए दी थी।
शीर्ष अदालत ने येचुरी को इस शर्त के साथ तारिगामी से मिलने की अनुमति दे दी थी कि वह सिर्फ उनसे उनकी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में ही चर्चा करेंगे। कोर्ट येचुरी द्वारा सीलबंद लिफाफे में सौंपे गए उस हलफनामे को भी देखेगा जो उन्होंने अपनी यात्रा और 29 अगस्त को तारिगामी से हुई मुलाकात के बारे में दिया है।
1 महीने से नजरबंद हैं कुछ नेता
गौरतलब है कि महबूबा मुफ्ती बीते एक महीने से नजरबंद हैं। केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के आर्टिकल 370 को हटा दिया था। इसके मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में शांति व्यवस्था में कोई खलल नहीं पड़े, इसके लिए कुछ एहतियाती कदम उठाए गए थे जिनके तहत महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला समेत राज्य के प्रमुख नेताओं को हाउस अरेस्ट कर लिया गया। ये नेता तब से विभिन्न जगहों पर नजरबंद हैं।