मध्य प्रदेश

मांगों को लेकर भेल इंटक कार्यालय में संयुक्त मोर्चा ने किया विरोध प्रदर्शन

भेल कर्मचारियों के वेतन एवं सुविधाओं में की जा रही कटौती के खिलाफ उठाई आवाज

भोपाल. भेल कर्मचारियों के वेतन एवं सुविधाओं में होने वाली कटौती के खिलाफ शुक्रवार को पिपलानी स्थित इंटक कार्यालय में संयुक्त मोर्चा द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया। बता दें कि पिछले काफी समय से भेल प्रबंधन संस्थान की वित्तीय स्थिति का हवाला देते हुए भेल कर्मचारियों की सुविधाओं में कटौती करती चली आ रही है। बचत के नाम पर टाउनशिप मेंटेनेंस, चिकित्सालय की सुविधाओं में कमी, कांट्रेक्ट वर्कर में कटौती आदि को लगातार कम किया जा रहा है।

वर्तमान में कोविड-19 के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के नाम पर तो सीधे-सीधे पर्क में 50 प्रतिशत की कटौती कर कर्मचारियों की सुविधाओं को सीमित करने का कार्य किया है, जो किसी अन्य सार्वजनिक उपक्रमों में नहीं किया गया है। इसका भेल के मजदूर संगठनों द्वारा पुरजोर विरोध किया गया। इसके साथ ही संवाद और संचार के विभिन्न माध्यमों द्वारा प्रबंधन को कामगारों के रोष से अवगत कराया जा चुका है।

खत्म की जा रही है सब्सिडी
कोरोना लॉकडाउन की परिस्थिति का फायदा उठाकर कभी कैंटीन सब्सिडी तो कभी ट्रांसपोर्ट सब्सिडी खत्म की जा रही है। हम संगठन प्रबंधन को इस ज्ञापन के माध्यम से चेताने का कार्य करते हुए बताना चाहते हैं कि हमारे भेल कर्मचारी इस महामारी काल की इतनी विपरीत परिस्तिथियों में भी अपने भेल संस्थान की प्रगति में जी-जान से लगे हुए हैं, इसलिए प्रबंधक अपने इस नकारात्मक रुख को छोड़कर तत्काल इन कटौतियों को समाप्त करे और हमारी लंबित मांगों के समाधान का प्रयास करे। हम निम्न संगठन भेल कर्मचारियों के हितों में किसी भी प्रकार की कटौती को स्वीकार नहीं करेंगे।

यूनियनों ने प्रबंधक से अपील है कि यदि कोई विषय संस्थान के हित में सामने आ रहा है, तो प्रबंधक कामगार-प्रबंधन सहभागिता के सिद्धांत के अनुरूप श्रम संगठनों को बुलाकर वार्ता करें। इस तरह के तुगलकी फरमानों को जारी कर संस्थान का माहौल अशांत करने से बचा जाए। साथियो हम समस्त निम्न संगठन आप सभी कामगार साथियों से भी अपील करते हैं कि आने वाला समय बड़ा विकट प्रतीत हो रहा है, लेकिन हमें विश्वास है कि हम अपनी एकता और संघर्षों के बल पर उसको अनुकूल कर लेंगे।

यूनियनों की मांगे निम्न प्रकार की हैं
पर्क में की गयी 50 प्रतिशत कटौती को तुरंत वापस करते हुए की गई कटौती की राशि का भुगतान तत्काल किया जाए। बढ़े हुए महंगाई भत्ते का भुगतान एरियर सहित शुरू किया जाए। कैंटीन और ट्रांसपोर्ट आदि सब्सिडी से संबंधित आदेश पत्रों को तत्काल वापस लिया जाए। एसआईपी/बोनस की शेष राशि जिसका भुगतान अप्रेल माह में होना था, तत्काल भुगतान सुनिश्चित किया जाए। लैपटॉप की तय राशि की प्रतिपूर्ति तत्काल शुरू की जाए।

वर्तमान में कोरोना महामारी के कारण देश में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट लागू किया हुआ है।ऐसे में संगठनों ने शुक्रवार को इंटक कार्यालय पिपलानी में भेल कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने के लिए सत्याग्रह करते हुए प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। शनिवार को इन मांगों के समर्थन में सयुक्त मोर्चा द्वारा हेस्टू एचएमएस कार्यालय में विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा।

हम संगठन प्रबंधन को स्पष्ट रूप से बताना चाहते हैं कि यदि इन कटौतियों को वापस करते हुए उपरोक्त मांगों के संदर्भ में शीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित नहीं की तो हम निम्न संगठन एक बड़े आंदोलन पर जाने को बाध्य होंगे, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी प्रबंधन की होगी।

ये पदाधिकारी शामिल हुए
भेल कर्मियों की मांगों को पूरा करने के लिए किए गए विरोध प्रदर्शन में हेम्टू इंटक के महामंत्री पी. रैकवार, उपाध्यक्ष गौतम मोरे, कोषाध्यक्ष राजेश शुक्ला, मीडिया प्रभारी सीआर नामदेव, एचएम्एस यूनियन के महासचिव अमरसिंह राठौर, कार्यवाहक अध्यक्ष एसके लोधी, सलाउद्दीन खान, डीके जाटव, हेमटूएटक के अध्यक्ष रामहर्ष पटेल, महासचिव एके परिहार, उपाध्यक्ष बीएम् कोरी, भेक्टू सीटू के महासचिव लोकेन्द्र सिंह शेखावत, फजल खान, धर्मेन्द्र अवस्थी, नरेंद्र भंडारी, सुरेश मेहरा राजदीप, सेंथिल कुमार एवं भारी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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