सुकमा
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सुकमा (Sukma) जिले के ग्रामीण इन दिनों महुआ गिराने के चक्कर में जंगलों में आग लगा रहे हैं. सुखे पत्ते होने और हवा के रूख के कारण आग की लपटें जिला मुख्यालय तक पहुंच गई. इधर सूचना मिलते ही वन विभाग का अमला मौके पर पहुंचा और फायर ब्रिग्रेड से आग पर काबू पाने की कोशिश की गई जिसके बाद आग पर काबू पाया गया. पिछले दो दिनों से जिला मुख्यालय के आसपास ग्रामीण इलाकों में महुआ के चक्कर में ग्रामीणों ने जंगलों में आग लगा दी.
जंगलों में आग के बाद धीरे-धीरे गुरुवार को सुबह आग की लपटें जिला मुख्यालय स्थित डीएफओ कार्यालय, व्यवहार न्यायालय व कलेक्टर निवास तक पहुंच गई. इसके बाद वन विभाग का अमला आनन-फानन में मौके पर पहुंचा और आग पर काबू पाने के लिए तमाम कोशिश करने लगा. अंत में फायर बिग्रेड से आग पर काबू पा लिया गया.
यहां के आदिवासियों का वनोपज आय का मुख्य स्रोत है, जिसमें सबसे महत्वर्पूण महुआ है. आमदनी के साथ-साथ संस्कृति में भी महुआ का अहम योगदान है. ज्यादा महुआ के लिए यहां पर ग्रामीण गर्मी के दिनों में महुआ पेड़ के नीचे आग लगाते हैं. ताकि पेड़ों के नीचे गर्मी हो और महुआ गिरना शुरू हो जाए और ज्यादा से ज्यादा महुआ एकत्रित कर सकें.
वन विभाग के द्वारा गांव-गांव जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है. क्योंकि इस आग से जंगल को काफी नुकशान होता है. गर्मी के दिनों में जंगल में सूखे पत्ते रहते हैं. इसके कारण आग काफी तेजी से फैलती है, जिसमें जंगल को काफी नुकशान होता है. कई समझाइश भी वन विभाग की और से दी जााती है. मीडिया से चर्चा करते हुए सुकमा रेंज के अधिकारी एसके त्रिपाठी ने बताया कि पिछले दो दिनों से लगातार जैसे-जैसे सूचनाएं मिल रही हैं. वैसे-वैसे आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है। हमारे द्वारा पुरी तरह नजर बनाए हुए हैं. हमारे पास पर्याप्त अमला है और फायर ब्रिग्रेड़ की भी जरूरत के हिसाब से मदद ली जा रही है. फिलहाल आग पर काबू पा लिया गया है.