नई दिल्ली
हैदराबाद में महिला पशु चिकित्सक से सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या के चारों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। रंगा रेड्डी जिले की स्थानीय अदालत ने यह आदेश दिया। शादनगर बार एसोसिएशन ने भी घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। वकीलों ने महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या में शामिल चार आरोपियों को किसी भी तरह की कानूनी सहायता नहीं देने का फैसला किया है। पुलिस जांच में पता चला है कि इस जघन्य वारदात के एक आरोपी मोहम्मद आरिफ ने हैवानियत के दौरान पीड़िता का मुंह दबा रखा था ताकि उनकी चीखों को कोई सुन न सके। वह तड़पती रहीं और दरिंदे उनके साथ हैवानियत करते रहे। माना जा रहा है कि सांस नहीं ले पाने के कारण हैदराबाद की इस 'निर्भया' की मौत हो गई।
पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनर ने बताया कि हैदराबाद में गुरुवार को महिला चिकित्सक से सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की वारदात को पूर्व साजिश के तहत अंजाम दिया गया। बुधवार की शाम को ही चारों आरोपियों ने देखा कि महिला चिकित्सक टोल प्लाजा के पास स्कूटी खड़ी करके कैब से चली गईं। इसके बाद आरोपियों ने साजिश के तहत उनकी स्कूटी से हवा निकाल दी। रात करीब 9 बजे स्कूटी लेने के लिए महिला चिकित्सक वापस लौटीं तो देखा कि एक टायर में हवा नहीं है। इसी दौरान मोहम्मद आरिफ उनके पास मदद के बहाने पहुंचा और उसका एक हेल्पर शिवा स्कूटी को ठीक कराने के बहाने कुछ दूर ले गया। इसके बाद तीनों जबरन महिला चिकित्सक को पास के ही एक खाली प्लॉट में ले गए और जबरन गैंगरेप किया। स्कूटी दूर करने के बाद शिवा लौटा और उसने भी दुष्कर्म किया। इसके बाद आरोपी शव को एक ट्रक पर लादकर हाइवे पर कुछ आगे बढ़े और एक पेट्रोल पंप से पेट्रोल और डीजल खरीदा। रंगारेड्डी जिले के शादनगर में एक सुनसान जगह पर शव को फेंक दिया और पेट्रोल छिड़कर उसमें आग लगा दी।
उधर, कोर्ट के आदेश के बाद इन आरोपियों को शादनगर पुलिस थाने से चंचलगुडा जेल पहुंचाया गया। मंडल के एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट ने शादनगर पुलिस थाने में चारों से पूछताछ की। चारों आरोपियों की पहचान मोहम्मद आरिफ, जोलू नवीन, चिंताकुंता केशावुलु और जोलू शिवा के रूप में हुई है। चारों पेशे से ड्राइवर और खलासी हैं। आरिफ की उम्र 26 साल है, जबकि बाकी आरोपियों की उम्र 20 साल है। गौरतलब है कि 26 वर्षीय एक महिला चिकित्सक का झुलसा हुआ शव गुरुवार को हैदराबाद के पास एक पुलिया के नीचे मिला था। उसे जलाने से पहले उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था।
पुलिस पर बरसाए चप्पल, लाठी चार्ज :
रंगा रेड्डी जिले के शादनगर थाने के बाहर शनिवार की सुबह आक्रोशित लोगों की भीड़ एकत्र हो गई थी। इसी थाने में शुरू में आरोपियों को बंद किया गया था। इस दौरान पुलिस ने लोगों को थाने में घुसने की इजाजत नहीं दी, तो लोगों ने पुलिस पर चप्पल बरसाए। इस दौरान कानून-व्यवस्था बरकरार रखने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा। पुलिस ने बाद में किसी तरह चारो आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच चंचलगुडा केंद्रीय कारागार भेज दिया।
परिजनों से मिले राज्यपाल :
तेलंगाना की राज्यपाल डॉ. तमिलिसई सुंदरराजन ने भी पीड़ित के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें ढांढस बंधाया। राज्यपाल ने दोषियों को नहीं बख्शे जाने का भरोसा दिया। राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम सामूहिक दुष्कर्म और मौत की शिकार महिला चिकित्सक के घर पहुंची। टीम ने उनके परिजनों से मुलाकात की और इंसाफ दिलाने का भरोसा दिया।
सड़क से सोशल मीडिया तक आक्रोश
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में एक सरकारी महिला चिकित्सक से सामूहिक दुष्कर्म, हत्या और जला देने की दिल दहला देने वाली घटना के विरोध में सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक लोग अपना आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं। लोग दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं। शनिवार को संसद के बाहर अनु दुबे नामक युवती ने अकेले ही विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इसी तरह हैदराबाद में शादनगर पुलिस स्टेशन के बाहर भी महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या के विरोध में जमकर प्रदर्शन हुआ। कुछ लोगों ने आरोपियों को बिना किसी सुनवाई के फांसी पर चढ़ाने या उनका एनकाउंटर करने की मांग की। हैदराबाद में बड़ी संख्या में छात्रों और महिला कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। सोशल मीडिया पर हैरराबाद सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड पर लोगों ने जमकर आक्रोश व्यक्त किया। हैशटैग रिपह्यूमैनिटी,हैशटैग हैंगरेपिस्ट समेत अन्य शीर्षकों के तहत भी यह घटना शनिवार को ट्वीटर का शीर्ष ट्रेंड बनी रही। इस दौरान लोग कानून-व्यवस्था से लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली तक पर सवाल उठाते दिखे।
100 नंबर संबंधी मंत्री के सुझाव पर बिफरीं महिलाएं
तेलंगाना के गृहमंत्री मोहम्मूद महमूद अली के बयान पर तेलंगाना की महिला कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताई है। महिला कार्यकर्ताओं के मुताबिक 100 नंबर डायल करने के बावजूद पुलिस जवाब नहीं देती। महिला कार्यकर्ता संध्या रानी ने कहा,‘आपात परिस्थितयों में बहुत सी महिलाएं 100 नंबर डायल करती हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिलता। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चि करनी चाहिए। इसके पहले राज्य के गृह मंत्री मोहम्मद महमूद अली ने ट्वीट किया था, ‘हम इस घटना से दुखी हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि महिला चिकित्सक ने अपनी बहन को फोन किया, 100 नंबर पर नहीं। यदि उसने 100 नंबर पर कॉल किया होता, तो उसे बचाया जा सकता था।’ मंत्री के बयान के मद्देनजर कार्यकर्ताओं ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध पर हर बार लोग किसी न किसी रूप से पीड़िताओं पर ही दोष मढ़ना शुरू कर देते हैं।