मुंबई
महाराष्ट्र में भाजपा प्रत्यक्ष तौर पर सरकार बनाने की प्रक्रिया से दूर नजर आ रही है, लेकिन उसके कई नेता इस लक्ष्य में जुट गए हैं। इस संबंध में गुरुवार से भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक भी मुंबई में बुलाई गई है।
भाजपा मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाने को तैयार
माना जा रहा है कि कार्यकारिणी की बैठक में राष्ट्रपति शासन के दौरान सरकार बनाने की कोशिशों पर विचार होगा ही, इसके अलावा प्रदेश में कोई और सरकार बन जाने की स्थिति में मध्यावधि चुनाव की तैयारियों पर भी चर्चा की जाएगी। प्रदेश में कोई और सरकार बनने की स्थिति में भाजपा सदन से सड़क तक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाने की तैयारी कर रही है। ताकि मतदाताओं के बीच जाकर विपक्ष में रहीं कांग्रेस-राकांपा के साथ-साथ अब तक अपने साथ सत्ता में रही शिवसेना की भूमिकाएं उजागर कर सके।
हिंदुत्व पर भाजपा का शिवसेना पर तंज
हिंदुत्व के मसले पर भाजपा ने मंगलवार को शिवसेना पर करारा तंज कसा। वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री रावसाहब दानवे ने कहा, 'यह शिवसेना पर है कि वह कांग्रेस के साथ साझा न्यूनतम कार्यक्रम में कैसे अपने हिंदुत्व के एजेंडे को समायोजित करती है। कांग्रेस 150 साल पुरानी पार्टी है और स्वाभाविक तौर पर वह अपने ही एजेंडे (सरकार में) को आगे बढ़ाएगी।'
शिवसेना को सरकार गठन के लिए और समय नहीं देने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फैसले का बचाव करते हुए दानवे ने कहा, 'राज्यपाल के खिलाफ आपत्ति व्यक्त करना सही नहीं है। उन्होंने सिर्फ अपने संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल किया। अगर शिवसेना के पास संख्या है तो वे कभी भी दावा कर सकते हैं।'
शिवसेना के जनादेश का अपमान करने के कारण ही राष्ट्रपति शासन लगा
राज्य में पार्टी की रणनीति पर उन्होंने कहा कि जनादेश का सम्मान किया जाना चाहिए। अगर महाराष्ट्र में ऐसा नहीं हुआ तो भाजपा विपक्ष में बैठेगी। शिवसेना के जनादेश का अपमान करने के कारण ही राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा है।