भोपाल
शिवसेना (Shivsena), एनसीपी (NCP) और कांग्रेस (Congress) के कार्यकर्ता भोपाल (Bhopal) के लिंक रोड पर इकट्ठा हुए और जमकर जश्न मनाया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे को मिठाई खिलाई और जमकर आतिशबाजी की. ढोल नगाड़ों के साथ कार्यकर्ता थिरकते नजर आए. खास बात ये रही कि तीनों पार्टियों के नेता एक साथ अपने झंडे लेकर एक ही जगह जश्न मना रहे थे. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में इस वक्त कांग्रेस (Congress) की सरकार है और मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ (CM Kamalnath) महाराष्ट्र में सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे हैं.
मध्य प्रदेश में वैसे तो कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है और सत्ता पर काबिज है लेकिन सरकार चलाने के लिए उसने समाजवादी पार्टी और बीएसपी के साथ गठबंधन किया है. एमपी में बीएसपी के 2 और एसपी का एक विधायक है, जो कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रहे हैं. लेकिन महाराष्ट्र में शिवसेना और एनसीपी के साथ कांग्रेस का गठबंधन होने से सियासी तस्वीर बदल गई है. गुरुवार को जब भोपाल में महाराष्ट्र में सरकार बनने का जश्न मनाया गया तो कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के झंडे एक साथ एक जगह दिखाई दिए. इस लिहाज से अब कांग्रेस के साथ एमपी में बीएसपी, एसपी, शिवसेना और एनसीपी सहयोगी हो गए हैं. हालांकि मध्य प्रदेश में शिवसेना और एनसीपी का जनाधार न के बराबर ही है.
महाराष्ट्र में सरकार बनने से पहले बहुमत की जो लड़ाई हुई, उसका अक्स मध्य प्रदेश में भी दिखाई देता है. बीजेपी के नेता सरकार को अल्पमत में होने का डर दिखाते रहे हैं लेकिन कांग्रेस ने अब तक सरकार के कमजोर होने की संभावनाओं को निराधार ही साबित किया है. सियासी उठापटक की वजह दरअसल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे रहे जिसमें मध्य प्रदेश में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था. कांग्रेस 114 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई थी जबकि 109 विधायकों के साथ बीजेपी दूसरे नंबर पर रही. सरकार बनाने के लिए 116 सीटों के बहुमत को पूरा करने के लिए तब कांग्रेस ने 4 निर्दलीय, 2 बीएसपी और एक एसपी विधायक के समर्थन से सरकार बनाई थी. बाद में झाबुआ में हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने एक और सीट पर जीत दर्ज कर ली और उसकी सीटों की संख्या बढ़कर 115 हो गई.