भोपाल
केंद्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने मध्यप्रदेश सरकार को ग्रामीण पर्यटन के विकास के लिए 229 करोड़ रुपए मंजूर किए है। पर्यटन विभाग और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग इस राशि से प्रदेश में ग्रामीण पर्यटन की सुविधाएं बढ़ाएंगे। गांवों में वीक एंड मनाने के लिए एक दिन से लेकर एक सप्ताह के पैकेज शुरू किए जाएंगे। पर्यटकों को गांव में ही होम स्टे की सुविधा भी दी जाएगी।
पर्यटन विभाग ने ग्रामीण पर्यटन सुविधा शुरू करने के लिए सौ गांवों को चिन्हित किया है। इन ग्रामीण अंचलों में उनके मूल स्वरुप में ही पर्यटकों को भ्रमण, रुकने और पारंपरिक व्यंजन, भोजन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। ओरछा उत्सव के दौरान राज्य सरकार ओरछा के आसपास के ग्रामीण इलाकों में देशी-विदेशी पर्यटकों को पांरपरिक घरों में रुकने की व्यवस्था मुहैया कराएगी। इसके लिए ग्रामीणों को प्रशिक्षण दिया जाएगा कि किस तरह उन्हें अतिथि सत्कार करना है। झाबुआ-अलीराजपुर के पिथौरा आर्ट, मांडू के जहाज महल, बैगाचक की क्रिएटिव पेंटिंग, पातालकोट के प्राकृतिक सौंदर्य, बुंदेलखंड के गांवों को उनके देशज स्वरुप में ही पर्यटकों के हिसाब से विकसित किया जाएगा।
शहरी क्षेत्रों के पर्यटक आमतौर पर वीकएंड में गांवों में जाना चाहते है। वहां के परिवेश को नजदीक से देखना चाहते है। इसके लिए गांव में पर्यटकों को ऐतिहासिक किले, प्राचीन मंदिरों और पुरा अवशेषों के आसपास भ्रमण कराया जाएगा। उसके लिए पारंपरिक वाहन बैलगाड़ी, बग्घी, घोड़ागाड़ी का उपयोग भी किया जाएगा। पारंपरिक भोजन उन्हें पत्तों पर परोसे जाएंगे। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों की पहचान गीत-संगीत, नृत्य और नाटकों का मंचन पर्यटकों के लिए किया जाएगा। कठपुतली नृत्य भी दिखाया जाएगा। इसके लिए पर्यटन निगम प्रशिक्षण देगा।