सहरसा
मधेपुरा रेल इंजन कारखाना में तैयार दूसरा हाईस्पीड एसी इलेक्ट्रिक इंजन आज यानि शनिवार को निकलेगा। इंजन को कारखाना के डिप्टी चीफ इंजीनियर अनुराग कुमार की मौजूदगी में निकालकर मधेपुरा स्टेशन लाया जाएगा।
कारखाना से मधेपुरा तक पटरी पर इंजन दस किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलती पहुंचेगी। मधेपुरा से रेलवे का दूसरा इंजन खींचकर इसे यूपी के सहारनपुर स्थित अलस्ट्रॉम के डिपो पर ले जाएगी। डिपो में देश के सबसे शक्तिशाली 12 हजार हॉर्स क्षमता वाले इस इंजन का आरडीएसओ लखनऊ के विशेषज्ञ टेस्टिंग करेंगे। टेस्टिंग में सफल होने के बाद इंजन को भारतीय रेल की पटरियों पर दौड़ाया जाएगा। हालांकि पिछले साल मार्च महीने में टेस्टिंग के लिए सहारनपुर ले जाए गए पहले एसी इलेक्ट्रिक इंजन के ट्रायल में आई परेशानी के बाद दूसरे इंजन को मोडिफाइड कर बनाया गया है। मधेपुरा रेल इंजन कारखाना के मुख्य प्रशासनिक राजीव कुमार गुप्ता ने कहा कि दूसरे नया एसी इलेक्ट्रिक इंजन को मोडिफाइड कर बनाने के दौरान हल्का बदलाव किया गया है।
इंजन की बोगी के नीचे में हल्का बदलाव लाया गया है। दूसरे इंजन की टेस्टिंग आरडीएसओ लखनऊ की विशेषज्ञों की टीम करेगी। डिप्टी चीफ इंजीनियर अनुराग कुमार ने कहा कि टेस्टिंग में दूसरे इंजन को भारतीय रेल की पटरी पर चलाने की आरडीएसओ से स्वीकृति मिलने के बाद चलाया जाएगा। इस कारण इंजन कारखाना से निकलकर दस की रफ्तार से मधेपुरा तक चलाए जाने के बाद डेड कर दी जाएगी। इसे रेल ट्रैक पर चल रही दूसरी इंजन में जोड़कर ले जाया जाएगा। बता दें कि 100 से 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार क्षमता वाली इंजन फ्रांस की अलस्ट्रॉम कंपनी बना रही है। 12 हजार हॉर्स पावर क्षमता वाली इंजन को गुड्स ट्रेन में लगाकर चलाई जाएगी। हालांकि अभी तक पहला एसी विद्युत ट्रायल में पूरी तरह से सफल नहीं होने के कारण ट्रायल और टेस्टिंग में ही सहारनपुर डिपो में चलाकर देखी जा रही है।
जानकी एक्सप्रेस के बाद ले जाई जाएगी एसी विद्युत इंजन
मधेपुरा रेल इंजन कारखाना में मेड इन इंडिया की तर्ज पर तैयार एसी विद्युत इंजन को 16 नवंबर को मनिहारी जाने वाली जानकी एक्सप्रेस के मधेपुरा स्टेशन से गुजरने के बाद निकाला जाएगा। इंजन निकालने के दौरान डिप्टी चीफ इंजीनियर के साथ सीनियर सेक्शन इंजीनियर सुनील कुमार सहित अलस्ट्रॉम के अधिकारी मौजूद रहेंगे।