मध्य प्रदेश

मंत्री बाला बच्‍चन का बड़ा ऐलान, कहा- राज्‍य में 10 नई जेल बनाने के साथ सुरक्षा पर होगा खास ध्‍यान

भोपाल
मध्य प्रदेश में सालों से अटके प्रमोशन का रास्ता खुलेगा. गृह एवं जेल मंत्री बाला बच्चन (Bala Bachchan) ने दावा किया है कि जल्द ही तीन साल से अटके हुए प्रमोशन होंगे. उन्होंने दावा जेल विभाग (Jail Department) के महानिदेशक प्रशस्ति चिन्ह वितरण समारोह में किया. बाला बच्चन ने मध्य प्रदेश की जेलों के कर्मचारियों और अधिकारियों को मेडल देकर सम्मानित किया. यह पहला मौका था, जब सराहनीय कार्यों के लिए विभाग ने मेडल देने की प्रथा शुरू की है. इसके अलावा मंत्री ने प्रदेश के 10 जिलों में नई जेल बनाए जाने का ऐलान भी किया है.

भोपाल सेंट्रल जेल परिसर में आयोजित सम्मान कार्यक्रम में गृह एवं जेल मंत्री बाला बच्चन पहुंचे. उनके साथ विभाग के प्रमुख सचिव, सचिव, डीजी संजय चौधरी और विभाग के तमाम अधिकारी मौजूद रहे. बाला बच्चन ने प्रदेश की जेलों से आए 63 जेल कर्मचारियों और अधिकारियों को मेडल देकर सम्मानित किया. विभाग ने सराहनीय सेवा और कार्य के लिए पहली बार जेल कर्मियों को मेडल दिया. जबकि जेल अधिकारियों और कर्मचारियों के चयन के लिए विभागीय कमेटी बनाई थी. इसी कमेटी ने विभिन्न जेलों के कर्मचारियों और अधिकारियों को चिन्हित करने का काम किया है.

जेल विभाग के महानिदेशक प्रशस्ति चिन्ह वितरण समारोह में गृह एवं जेल मंत्री बाला बच्चन ने दावा किया कि जल्द ही प्रमोशन का रास्ता खुलने वाला है. सरकार इस मामले को लेकर गंभीर है. उन्होंने बताया कि जब उन्हें विभाग की जिम्मेदारी मिली. सबसे पहले प्रमोशन की फाइल तैयार की और विभाग को कार्रवाई के लिए कहा है. सीएम कमलनाथ से भी प्रमोशन के मुद्दे पर कई दौर की चर्चा हो चुकी है. जेल ही नहीं बल्कि गृह विभाग के अधिकारी इस पर काम भी कर रहे हैं और जल्द ही रास्ता निकलने वाला है. प्रमोशन सभी को दिए जाएंगे. अब कोई भी बिना प्रमोशन के रिटायर्ड नहीं होगा. तीन साल से अटकी प्रमोशन पर कोर्ट के निर्देश का पालन भी किया जाएगा, लेकिन प्रमोशन देने का रास्ता भी लगभग निकाल लिया है. सीएम से चर्चा करने के बाद यह तोहफा भी कर्मचारियों को जल्द दिया जाएगा.

बाला बच्चन ने कहा कि प्रदेश की सभी 131 जेलों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है. सरकार ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कैदियों की पेशी की व्यवस्था की है. अधिकांश जेलों में इसी सिस्टम के जरिए कैदियों की पेशी हो रही है. इससे समय भी बचता है और सुरक्षा भी बनी रहती है. साथ ही पिछले एक साल में मध्य प्रदेश की 37 जेलों में ई-प्रिजन कार्यक्रम शुरू किया गया है. इसमें बंदियों का डाटाबेस तैयार किया जा रहा है. इसके अलावा जेलों की सुरक्षा के लिए अब तक सिर्फ 23 जेलों में ही सीसीटीव्ही कैमरे लगाये गये थे. नई सरकार ने सभी जेलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. जेलों की सुरक्षा-व्यवस्था सुदृढ़ बनाने के लिये सभी केन्द्रीय जेल और 9 जिला जेलों पर इलेक्ट्रिक फेंसिंग की स्थापना की जा रही है. जेलों में 590 वॉकी-टॉकी सेट एवं 22 बेस-सेट उपलब्ध कराये गये हैं.

प्रदेश के 10 जिलों में नई जेल बनाई जाएंगी. इनमें केन्द्रीय जेल इंदौर, जिला जेल बैतूल, रतलाम, राजगढ़, मुरैना, मंदसौर तथा सब जेल गाडरवारा, सब जेल कुक्षी, सब जेल मैहर और खुली जेल रीवा शामिल हैं. बाला बच्चन ने कहा कि डीजी जेल संजय चौधरी ने जेल परिसर में कर्मचारियों के लिए क्वार्टर बनाने की मांग की है. उनकी मांग जायज है और सरकार इस पर काम भी कर रही है. जेल नहीं, बल्कि गृह विभाग भी क्वार्टर बनाने का काम कर रहा है और जल्द ही जेल परिसर में कर्मचारियों को रहने के लिए क्वार्टर भी मुहैया कराए जाएंगे.

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