नई दिल्ली
जेएनयू में कश्मीर पर चर्चा हंगामे में बदल गई। जेएनयू प्रशासन की ओर से कन्वेंशन सेंटर में गुरुवार को एक लेक्चर रखा गया। टॉपिक था- ‘आर्टिकल 370 का अंत: कश्मीर में शांति और विकास’। मगर गुरुवार शाम 4 बजे रखे गए इस प्रोग्राम में लेफ्ट विंग के स्टूडेंट्स और राइट विंग एबीवीपी के जमकर स्टूडेंट्स भिड़ गए। एक दूसरे को धक्का देते, गलत बर्ताव करते स्टूडेंट्स दिखे।
गुरुवार को इस प्रोग्राम के दौरान जेएनयू के लेफ्ट और बापसा से जुड़े स्टूडेंट्स ने विरोध कया। कन्वेंशन सेंटर के बाहर स्टूडेंट्स तख्तियों के साथ शांति से मिनिस्टर के इस प्रोग्राम का विरोध करते दिखे। स्टूडेंट्स का कहना था कि वे नहीं चाहते कि कश्मीर के मुद्दे पर कोई उस पार्टी का नेता आए, जिसने कश्मीर में हालात बिगाड़े हैं। यूनियन मिनिस्टर जितेंद्र सिंह के लेक्चर के दौरान इन स्टूडेंट्स ने कश्मीर को लेकर और उनके वापस जाने की मांग पर भी नारे लगाए। इसके बाद हंगामा शुरू हुआ, जबकि लेफ्ट के इस विरोध का जवाब एबीवीपी के स्टूडेंट्स ने दिया। स्टूडेंट्स ने कश्मीर पर नारे लगाने शुरू किए और इसी बीच दोनों ग्रुप के बीच झड़प हो गई। मामला हाथापाई तक पहुंच गया, मुश्किल से उन्हें रोका गया।
लेफ्ट से जुड़े स्टूडेंट्स ने कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाने का विरोध किया। केंद्र सरकार के इस कदम के खिलाफ उन्होंने नारे लगाए। वहीं, एबीवीपी ने ‘कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत माता एक है’ के नारे लगाए। इस बीच दोनों ग्रुप के बीच धक्कामुक्की, झड़प भी हुई। लेफ्ट लीडर्स का कहना है कि वे शांति से विरोध कर रहे थे मगर एबीवीपी ने हमेशा की तरह हाथापाई शुरू गई और कई स्टूडेंट्स को हाथ भी मारे। वहीं, एबीवीपी ने लेफ्ट के स्टूडेंट्स पर धक्कामुक्की और बदसलूकी का आरोप लगाया है। जेएनयू में एबीवीपी के प्रेजिडेंट दुर्गेश कुमार का कहना है, लेक्चर पूरा हुआ मगर लेफ्ट और बापसा स्टूडेंट्स ने मिनिस्टर का विरोध किया और जब हम उनके विरोध में उतरे तो उन्होंने हमारे छात्र-छात्राओं को धक्का दिया, मारा और नाखून तक मार दिया।
इस मामले में जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन की आईशी घोष का कहना है कि प्रशासन ने कश्मीर के हालत की सफाई देने के लिए उस पार्टी के मिनिस्टर को कैंपस में बुलाया, जो देश में शांति को तबाह कर रही है।