मंदिर कमेटी के सदस्यों ने अध्यक्ष एसए पिल्लई पर सोना और कैश हड़पने का लगाया था आरोप
भोपाल. भेल क्षेत्र के मलयाली समाज के दो प्रमुख मंदिर पिपलानी में अयप्पा और खजुरीकला में श्रीकृष्ण मंदिर से तीन करोड़ से अधिक राशि का भक्तों द्वारा चढ़ाया गया सोना गायब होने के मामले में दोनों मंदिर कमेटी के सदस्यों ने भोपाल कलेक्टर से शिकायत करते हुए जांच की मांग की थी। मंदिर कमेटी के सदस्यों ने इसके लिए अध्यक्ष एसए पिल्लई को जिम्मेदार बताया था। सदस्यों का आरोप है कि श्रीकृष्ण मंदिर खजुरीकला से 50 लाख को सोना व अयप्पा मंदिर से 3 करोड़ रुपए का सोना गायब है।
अध्यक्ष से जब दोनो मंदिरो में चढ़ाए गए सोने चांदी का हिसाब मांगा गया, तो उन्होने बैलेंस सीट पर निल दिखा दिया। वहीं, अध्यक्ष एसए पिल्लई का इस मामले में कहना था कि मंदिर अच्छे से चल रहे हैं। कुछ लोगों द्वारा इन्हें बदनाम करने की साजिश की जा रही है। दोनों मंदिरों में करोड़ तो क्या लाख रुपए की भी कमाई नहीं हैं।
फर्मस सोसायटी के निमय ताक पर
मंदिर समिति के सतीश अरोरा का कहना है कि कई सालों से यह गोलमाल चल रहा है। कोई भक्त सवाल उठाता है, तो अध्यक्ष और उसके साथी मिलकर उन्हें समाज से बाहर करने की धमकी देते हैं। साथ ही किसी ना किसी प्रकार उन्हें बदनाम करने की भी कोशिश की जाती रही। जो व्यक्ति आज अध्यक्ष बना बैठा है, उस पर पहले ही फर्जी मार्कशीट बांटने का केस चल रहा है और विगत दिनों वह बेल पर हैं उसके बाद भी अपने अध्यक्ष पद से त्यागपत्र नहीं दिया। फम्र्स एंड सोसायटी के नियम अनुसार कोई व्यक्ति अध्यक्ष नहीं हो सकता, जिस पर किसी प्रकार का केस लगा हो।
मंदिर समिति और अध्यक्ष आमने-सामने
मामले को लेकर मलयाली समाज के भक्त और मंदिर कमेटी अध्यक्ष आमने-सामने हो गए हैं। भोपाल राजधानी में मलयाली समाज का अय्यप्पा मंदिर पिपलानी में स्थित है और कृष्ण मंदिर खजूरी कला में स्थित है। यह दोनों मंदिर के अध्यक्ष एक ही हैं। वह पिछले 23 साल से अय्यप्पा मंदिर में अध्यक्ष बने हुए हैं। पिछले 13 साल से खजूरीकला कृष्ण मंदिर को गुरुवायुर में भी अध्यक्ष बने बैठे हैं। सदस्यों का कहना है कि दोनों ही जगह सोसाइटी के नियमों को ताक पर रखकर दरकिनार करके बिना चुनाव के खुद को अध्यक्ष घोषित कर दिया जाता है।
हिसाब देने में करते हैं टालमटोल
मंदिर समिति के सदस्यों ने आरोप लगाते हुए कहा कि मंदिर समिति के अन्य सदस्य जब हिसाब मांगते हैं, तो अध्यक्ष टालमटोल करने लगते हैं। कभी भी सोना एवं नकदी की कोई भी पुख्ता जानकारी प्रस्तुत नहीं करते।
मलयाली समाज में सोना दान करने का है रिवाज
मलयाली समाज में एक यह भी मान्यता है कि फेस्टिवल्स में कैश के साथ साथ सोना भी दान करने की परम्परा है। कोई भी त्योहार आता है तो मलयाली समाज के लोग मंदिर में सोना चांदी जरूर दान करते है लेकिन बैलेंस सीट की माने तो आत तक सोना चढ़ा ही नहीं है।
आज तक अध्यक्ष ने मंदिर में दान दिए हुए सोने का कभी भी हिसाब पब्लिक को नहीं बताया। अगर हम कम से कम भी समझे तो दोनों मंदिर में 8-9 किलो सोना दोनों मंदिर में होना चाहिए। लेकिन दोनों मंदिरों की बलैंस शीट में इस को कहीं भी दर्शाया नहीं गया।
सतीश अरोरा मंदिर समिति के सदस्य
अयप्पा मंदिर में 23 साल से और श्री कृष्ण मंदिर में 13 साल से अध्यक्ष बने बैठे हैं, दोनो जगह चुनाव नहीं होने देते। कोई चुनाव के लिए कहता है, तो उसे समिति से निकाल देते हैं। एक आदमी को दो मंदिरों में अध्यक्ष बनने की क्या जरूरत पड़ गई।
राजीव पिल्लई मंदिर समिति
मंदिर समिति के 99 प्रतिशत लोग उन्हे पसंद करते हैं, इसलिए अध्यक्ष बना देते हैं। ये लेाग चुनाव हार गए हैं, इसलिए बदनाम कर रहे हंै। मंदिर में कभी इतनी कमाई आई ही नहीं कि करोड़ों की बात की जाय। कृष्ण मंदिर में तो रोजाना 30 से 40 रुपए ही आते हैं। अयप्पा मंदिर में भी कम ही चढ़ावा चढ़ता है।
एसए पिल्लई अध्यक्ष अयप्पा मंदिर और श्रीकृष्ण मंदिर