भोपाल
मध्यप्रदेश (madhya pradesh)के सागर (sagar)ज़िले में एक बच्ची भूख़ की सज़ा भुगत रही है.12 साल की उस बच्ची ने भूख़ से तड़पते अपने छोटे भाई-बहनों के लिए चोरी कर ली थी. चोरी पकड़ी गयी और उसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया.
सागर ज़िले के रहली गांव की बच्ची अब शहडोल के बाल सुधार गृह में है. इस बच्ची ने मंदिर की दान पेटी से 250 रुपए चुरा लिए थे. चोरी की वजह पापी पेट था. बच्ची के छोटे भाई-बहन भूख़े थे और घर में आटा ना था. पैसे और खाने का कहीं से कोई इंतज़ाम नहीं हो पाया. बच्ची की नज़र गांव के मंदिर में लगी दान पेटी पर पड़ी. उसने दान पेटी में से 250 रुपए निकाल लिए. लेकिन उसकी चोरी पकड़ी गयी.
भूख़़ से बेबस बच्ची इस बात से अनजान थी कि मंदिर में सीसीटीवी लगा हुआ है. जो उसकी हरक़त को क़ैद कर रहा है. चोरी पकड़ में आते ही बच्ची को भी पकड़ लिया गया. अब उसे बाल सुधार गृह शहडोल भेज दिया गया है.
इस 12वर्षीय बच्ची के सिर से तीन साल पहले मां का साया उठ गया था. उसके पिता मज़दूरी करते हैं. मजदूरी के उसी थोड़े-बहुत पैसे से वो अपना और अपने तीन बच्चों का पेट पालते हैं.ये बच्ची छोटे भाई-बहनों के लिए घर में मां की भूमिका निभाती है और फिर बाहर निकलकर रोटी-पानी का इंतज़ाम करती है. इन सब ज़िम्मेदारियों के बीच वो पढ़ने स्कूल भी जाती है.
पकड़े जाने के बाद बच्ची ने बताया कि उसने छोटे भाई-बहन के खाने के लिए पैसे चुराए थे. पिता ने उसे दो किलो गेहूं पिसवाने के लिए दिए थे. लेकिन उसके गेहूं किसी ने चक्की से चुरा लिए. पिता ने बहुत मुश्किल से जैसे-तैसे दो किलो गेहूं का इंतज़ाम किया था. वो डर गयी कि अब पिता को क्या बताएगी. बस उन्हीं हालात में उसके मन में चोरी की बात आ गयी.वो मंदिर गयी. दान पेटी की गुंडी बहुत आसानी से खुल गई और उसने उसमें से 250रूपए निकाल लिए. पुलिस जब उसे पकड़ने घर गयी तो उसने पिता को बताया कि 180 रुपए का आटा ख़रीदने के बाद बाकी बचे 70 रुपए उसने स्कूल बैग में रख दिए हैं.