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भारी विस्फोटक और नया शौचालय, फर्रुखाबाद में ऐसे रची गई बच्‍चों को बंधक बनाने की साजिश, रूस की घटना का विडियो

 
कानपुर

उत्‍तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में गत 30 जनवरी की रात 23 बच्चों को बंधक बनाने वाले सिरफिरे ने वर्ष 2004 में रूस में हुई ऐसी घटना को देखने के बाद वारदात की साजिश रची थी। कानपुर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) मोहित अग्रवाल ने शनिवार को बताया कि फर्रुखाबाद के कसरिया गांव में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए सुभाष बाथम ने रूस में हुई घटना का गहराई से अध्ययन करने के बाद बेटी के जन्मदिन के बहाने 23 बच्चों को घर बुलाकर बंधक बनाया था।
 बता दें कि 2004 में रूस के बेसलैन स्कूल में आतंकियों ने स्कूली बच्चों को स्कूल की इमारत में बंधक बना रखा था। इस घटना के दौरान रूस की सेना ने आतंकियों से बच्चों को आजाद कराने के लिए बड़ा ऑपरेशन चलाया था। इस कार्रवाई में 300 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।

मोबाइल फोन की पड़ताल से चला पता
आईजी ने बताया, 'सुभाष ने इसके अलावा पूर्व में अमेरिका में हुई इस तरह की घटनाओं का भी अध्ययन किया था। उसके पास से बरामद मोबाइल फोन की पड़ताल करने पर पाया गया कि वह काफी दिनों से इस तरह की योजना बना रहा था। वह बम बनाने और तार के माध्यम से उसमें विस्फोट करने की विधि को मोबाइल फोन पर लगातार सर्च और डाउनलोड कर रहा था।' अग्रवाल ने बताया, 'सुभाष जिस तरह से मोबाइल फोन पर गतिविधियां कर रहा था, उससे लगता है कि उसने यह योजना अचानक नहीं बनाई थी। वह महीने-दो महीने से इस पर अध्ययन कर रहा था। सुभाष एक मामले में करीब डेढ़ माह पहले ही जेल से छूटकर आया था और हो सकता है कि जेल के साथियों की मदद से गोला-बारूद और बंदूक हासिल की हो।'
 
घर से मिला बम बनाने का सामान
उन्होंने बताया, 'सुभाष के कॉल डिटेल और फोन के लोकेशन के आधार पर यह पता लगाया जा रहा है कि वारदात से पहले वह कहां-कहां गया था। इस बात की भी जांच की जा रही है कि क्या वारदात में उसके साथ उसकी पत्नी रूबी के अलावा कोई तीसरा व्यक्ति भी शामिल था। हालांकि अभी तक ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला है।' अग्रवाल ने बताया कि सुभाष के घर से 315 बोर की राइफल, एक कट्टा और 20 कारतूस बरामद हुए हैं। इसके अलावा 135 देसी बम, सिलिंडर बम, काफी मात्रा में तार, बम बनाने की सामग्री भी बरामद की गई है।'

एक दिन पहले ही बनवाया शौचालय!
अग्रवाल ने कहा कि घर में एक ऐसा शौचालय है जिसे संभवत: एक ही दिन पहले बनाया गया था। इससे लगता है कि सुभाष को उम्मीद थी कि बंधक संकट लंबे समय तक चल सकता है। अग्रवाल ने बताया, 'पुलिस की कोशिश बच्चों की सुरक्षा थी, इसलिए पहले सुभाष और उसकी पत्नी को समझाने की कोशिश की गई जिसपर उन्होंने प्रति बच्चा एक करोड़ रुपये और उसके खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग की।'
 
एसओजी के सिपाही ने मारी गोली
आईजी के मुताबिक,'स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि तत्काल कार्रवाई करनी पड़ी। हमने मकान का पिछला गेट तोड़ा और सुभाष को पकड़ने के लिए आगे बढ़े। हमें देखकर उसने हथगोला फेंका और एक गोली चलाई जो मेरी बुलेटप्रूफ जैकेट पर लगी और हथगोले के छर्रे हमारे एसपी और एएसपी को लगे। उन्होंने कहा, 'जैसे ही वह अगला फायर करने वाला था, तभी एसओजी के एक सिपाही ने अपनी राइफल से उसे गोली मार दी और सुभाष वहीं पर गिर गया। डॉक्टर को तत्काल बुलाया गया जिसने उसे मृत घोषित कर दिया।'

अंजलि को वीरता पुरस्‍कार के लिए किया जाएगा नामित
दूसरी ओर, फर्रुखाबाद के जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने मीडिया को बताया कि सुभाष बाथम के घर में इतना विस्फोटक मौजूद था कि जिससे 50 मीटर के क्षेत्र को तहस-नहस किया जा सकता था। भोजपुर से बीजेपी विधायक नागेंद्र सिंह ने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम में अंजलि नामक 12 वर्षीय लड़की ने समझदारी दिखाई। उसने सुभाष और उसकी पत्नी रूबी के तहखाने से बाहर आने पर उसका दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और सुभाष के धमकाने के बाद भी नहीं खोला। उन्होंने कहा कि इस बच्ची को वीरता पुरस्कार के लिए नामित किया जाएगा।

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