चंडीगढ़
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की खबरें अकसर आती रहती हैं। इसी के चलते भारत सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पास किया, जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए शरणार्थियों को नागरिकता देता है। अब पाकिस्तान से 50 हिंदू परिवारों का जत्था भारत आया है। इन परिवारों का कहना है कि वे अब भारत में ही रहना चाहते हैं। हालांकि, आपको बता दें कि सीएए के तहत उन लोगों को नागरिकता दी जानी है, जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए हैं।
सोमवार को पंजाब के अमृतसर में स्थित वाघा-अटारी बॉर्डर (भारत-पाक सीमा) को पार करके 50 हिंदू परिवार भारत आए। इन लोगों ने 25 दिन का वीजा लिया है। इन हिंदू परिवारों ने हरिद्वार जाने की इच्छा जताई है। बता दें कि ये सभी पाकिस्तानी हिंदू नागरिक टूरिस्ट वीजा पर भारत आए हैं। नियमों के मुताबिक, 25 दिन की तय सीमा समाप्त होने के बाद इन्हें पाकिस्तान लौटना होगा।
'हरिद्वार में स्नान के बाद तय करेंगे भविष्य'
हालांकि, ये परिवार वापस पाकिस्तान नहीं जाना चाहते हैं। इसी जत्थे में आए लक्ष्मण दास ने कहा है, 'हरिद्वार में गंगा स्नान करने के बाद मैं अपने भविष्य के बारे में सोचूंगा। हालांकि, मैं भारत में ही रहना चाहता हूं।' आपको बता दें कि वीजा का समय समाप्त होने के बाद किसी भी देश में रुकना गैर कानूनी है।
हाल ही में पाकिस्तान के 200 हिंदू परिवार टूरिस्ट वीजा लेकर भारत आए थे। सूत्रों का कहना है कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि यह लोग भारत में बसने के लिए आए हैं, लेकिन इसकी आशंका जरूर है कि ये अपने वीजा की मियाद के आगे भी भारत में रह जाएं और नागरिकता के लिए अप्लाई करें। हालांकि, जिस तरह पाकिस्तान से आए इन परिवारों ने अपने भारी-भरकम बैगेज के साथ भारत में प्रवेश किया है, उससे यह माना जा रहा है कि यह सिर्फ कुछ दिनों की यात्रा पर भारत नहीं आए हैं।