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भारतीय दौरा मानसिक रूप से पंगु बना गया: फाफ डु प्लेसिस 

रांची 
भारतीय टीम के निर्मम रवैए के सामने चारों खाने चित्त होने वाली दक्षिण अफ्रीकी टीम के कप्तान फाफ डु प्लेसिस ने माना कि यह दौरा उनके खिलाड़ियों को मानसिक रूप से पंगु बना गया। दक्षिण अफ्रीका किसी भी मैच में चुनौती पेश नहीं कर पाया और उसने तीनों मैच बड़े अंतर से गंवाए। डु प्लेसिस ने तीसरे टेस्ट में पारी के अंतर से हार के बाद कहा, ‘इस तरह के दौरे से पता चलता है कि आप मानसिक तौर पर पंगु बन सकते हैं और इससे बाहर निकलना आसान नहीं होता है।’उन्होंने कहा, ‘जिस तरह से उन्होंने हर बार बड़े स्कोर बनाए उसे देखते हुए यह निष्ठुर और निर्ममता थी। बल्लेबाज के तौर पर आप पर इसका मानसिक रूप से प्रभाव पड़ता है। इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है और इसलिए आपने देखा होगा कि आखिर में हमारी बल्लेबाजी मानसिक तौर पर कमजोर पड़ चुकी थी। आप मानसिक तौर पर पंगु नहीं होना चाहते हो।’

क्या हुई साउथ अफ्रीका की ऐसी हालत 
डु प्लेसिस ने हार के लिए क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका को भी जिम्मेदार ठहराया और कहा कि इस दौरे से सही योजनाओं की कमी का भी खुलासा हो गया, क्योंकि उन्होंने हाशिम अमला और एबी डि विलियर्स जैसे दिग्गजों के संन्यास लेने के बाद की स्थिति पर विचार नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘इससे पता चलता है कि हमारा ढांचा वैसा नहीं है जैसा उसे होना चाहिए था। घरेलू क्रिकेट और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के बीच बड़ा अंतर है। अगर आप तीन या चार साल पहले मुड़कर देखो और अगर तब कोई दूरदृष्टा होता और कहता कि तीन या चार साल बाद बहुत अनुभवहीन खिलाड़ी टीम में होंगे। इसलिए तभी इस समय के लिए तैयारियां शुरू करने देनी चाहिए थी।’ 

डु प्लेसिस ने कहा, ‘हम संभवत: दोषी हैं जो हमारे पास इन खिलाड़ियों के संन्यास लेने के बाद की स्थिति के लिए कोई योजना नहीं थी। आप एक खिलाड़ी की जगह भर सकते हो चार या पांच सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों की नहीं। हमें अपनी योजनाओं और सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के संन्यास लेने के मामले में बेहतर होना चाहिए था।’ दक्षिण अफ्रीकी टीम विशाखापत्तनम में पहले टेस्ट मैच में ही अच्छा प्रदर्शन कर पायी। इसके बाद लगातार उसके प्रदर्शन में गिरावट आई। डु प्लेसिस ने कहा, ‘हमने अपना सर्वश्रेष्ठ मैच पहले टेस्ट में खेला और लगातार दबाव के कारण हम हर टेस्ट मैच में कमजोर पड़ते गए। इसलिए मेरा कहना है कि हम टीम के रूप में मानसिक तौर पर पर्याप्त मजबूत नहीं थे और इस विभाग में कुछ काम करने की जरूरत है।’ 

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