भोपाल
भाजपा शासनकाल में हुए घोटालों की जांच के क्रम में अब तेंदूपत्ता खरीदी के घोटालों की फाइल खुलने जा रही है। वन मंत्री उमंग सिंघार ने तेंदूपत्ता खरीदी में हुए 160 करोड़ रूपए के घोटाले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी है। साथ ही आदिवासी कल्याण की राशि से जूते-चप्पल खरीदी के मामले की विभागीय जांच करने का निर्देश दिया है।
वन मंत्री उमंग सिंघार ने तेंदूपत्ता खरीदी मामले में बड़े घोटाले को उजागर करने का दावा किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस राशि से कमर्शियल टैक्स जमा करना था, भाजपा सरकार ने उस राशि से व्यापारियों को फायदा पहुंचाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसी तरह जिस पैसे को आदिवासियों के कल्याण में लगाना था उसे चुनावों में आदिवासियों को लुभाने में खर्च कर दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार इन दोनों मामलों में जांच कराएगी।
राज्य लघु वनोपज संघ से जुड़ा ये घोटाला तेंदूपत्ता खरीदी मामले में है। इस मामले में व्यापारियों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी खजाने को करीब 160 करोड़ का पलीता लगाया गया है। वन मंत्री उमंग सिंघार के मुताबिक लघु वन उपज से होने वाली आमदनी का एक हिस्सा कमर्शियल टैक्स के रुप में सरकार के खजाने में जमा होना चाहिए, जो उस समय नहीं चुकाया गया। बल्कि इस राशि का इस्तेमाल व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया। वन मंत्री इस पूरे घोटाले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपने की तैयारी में हैं। उन्होंने इसके लिए जीएडी मंत्री गोविंद सिंह को एक पत्र भी लिखा है।
वन मंत्री का कहना है कि राज्य लघु वन उपज में तत्कालीन संचालक मंडल के गलत फैसलों के कारण सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि आदिवासी हितों की राशि को विधानसभा चुनाव के ठीक पहले आदिवासियों को खुश करने के लिए जूते-चप्पल बांटने में खर्च कर दिया गया। वन मंत्री ने कहा कि इस राशि को जूते-चप्पलों पर नहीं बल्कि आदिवासियों के कल्याण पर खर्च किया जाना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। इस मामले पर भी विभागीय जांच के निर्देश दिए गए हैं। यदि इसमें गड़बड़ी निकली तो संबंधित अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
कांग्रेस सरकार ने भाजपा सरकार में लघु वन उपज संघ पर कब्जा जमाये भाजपा से जुड़े संचालक मंडल पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। सरकार इन घोटालों की फाइल ईओडब्ल्यू को सौंपने जा रही है। दरअसल इन दिनों कांग्रेस सरकार भाजपा की घेराबंदी करने के लिए उसके शानसकाल के 15 वर्षों के दौरान हुए घोटालों को खोलने में लगी है।