नई दिल्ली
अगर आप वॉट्सऐप ग्रुप के ‘एडमिन’ हैं! सावधान हो जाएं। ग्रुप में धार्मिक उन्माद, पथराव, गोली से मौत की अफवाहों से जुड़े विडियो, तस्वीरें या पोस्ट शेयर कीं, तो आप पर कार्रवाई तय है। ऐसे वॉट्सऐप ग्रुप दिल्ली पुलिस की निगरानी में हैं जो सामाजिक माहौल को बिगाड़ने के लिए या तो काम कर रहे हैं या हाल ही में बनाए गए हैं। नागरिकता संशोधन कानून के बाद दिल्ली व देश के अधिकतर हिस्सों में हुई हिंसा के पीछे वॉट्सऐप ग्रुप व सोशल मीडिया पर उन्मादी पोस्ट व फर्जी वीडियो को जिम्मेदार माना गया है।
जामिया में प्रदर्शन उस वक्त बड़ा हो गया जब वॉट्सऐप व ट्विटर पर अफवाह उड़ी कि पुलिस की गोली से तीन लोगों की मौत हो गई है। साइबर सेल ने ऐसे करीब 50 से अधिक वॉट्सऐप ग्रुप की पहचान की है। पाकिस्तानी ट्विटर हैंडल से पोस्ट की गई फर्जी विडियो को रीट्वीट व शेयर करने वालों को भी मॉनिटर किया जा रहा है। साइबर सेल के डीसीपी अन्येष रॉय ने एनबीटी के जरिए वॉट्सऐप ग्रुप और सोशल मीडिया यूजर्स को जरूरी सलाह दी है।
कौन है जिम्मेदार और किसकी जवाबदेही
सबसे पहले आपके मन में सवाल आएगा कि अगर वॉट्सऐप, फेसबुक या ट्विटर के जरिए हमारे पास अफवाह या भड़काऊ कंटेट आता है तो क्या करें! वॉट्सऐप ग्रुप को छोड़कर सोशल मीडिया में हमारे में पास दो ऑप्शन हैं। या तो हम उसको शेयर करें। उसके कई तरीके हैं। जैसे रीट्वीट। लाइक करना। कमेंट करना। यानी हर तरीके से उसे आगे बढ़ा रहे हैं। ऐसे में जवाबदेही और जिम्मेदारी बराबर की रहेगी। अगर वो गलत है, गैर कानूनी है, भड़काऊ है और इसका उद्देश्य धार्मिक सौहार्द को बिगाड़ना, उन्माद फैलाना है तो ऐसे में आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। लिहाजा ऐसे कंटेट को देखते हुए संयम व सावधानी बरतें।