रायपुर
छत्तीसगढ़ में होने वाले निकाय चुनाव बैलेट पेपर से होंगे। इसमें अब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का इस्तेमाल नहीं होगा। यह फैसला छत्तीसगढ़ सरकार की सब कैबिनेट कमेटी ने लिया। मंगलवार को यह अहम बैठक नवा रायपुर स्थित मंत्रालय में हुई। इस बैठक में मंत्री शिव डहरिया, मो अकबर और रविंद्र चौबे शामिल हुए। मंत्रियों ने पत्रकारों को बताया कि यह फैसले स्थानीय सरकार को मजबूत करने के लिए, हुए हैं। इससे पार्षद ताकतवर होंगे। इस फैसले को अब कैबिनेट में रखा जाएगा उसके बाद अध्यादेश लाकर इसे पूरा कर लिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक दो दिनों के भीतर या आने वाले सप्ताह में कैबिनेट की बैठक हो सकती है।
चुनाव प्रक्रिया में बदलाव के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तीन मंत्रियों की उपसमिति गठित की थी। सीएम भूपेश, महापौर अथवा अध्यक्ष के सीधे निर्वाचन प्रक्रिया को बदलने के संकेत पहले ही दे चुके थे। अविभाजित मध्यप्रदेश में 1994 में महापौर-अध्यक्षों का निर्वाचन पार्षदों के जरिए होता था। इसके बाद व्यवस्था बदली और फिर 1999 में महापौर और अध्यक्ष के सीधे चुनाव होने लगे। इस पर पूर्व सीएम और भाजपा नेता डॉ रमन सिंह ने कहा था कि- इस फैसले के द्वारा कांग्रेस सत्ता का दुरुपयोग करेगी। यह जनता के निर्णय को बदलने की साजिश है।