छत्तीसगढ़

बैंकिंग सेक्टर संकट के दौर से गुजर रहा-मरोठिया

रायपुर
यूको बैंक के आंचलिक कार्यालय, द्वारा बैंक के संस्थापक स्व. जी.डी. बिड़ला की 125वीं जयंती के अवसर पर विगत दिवस  भारतीय कृषि अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का महत्व: सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों का योगदान पर केंद्रित हिन्दी व्याख्यानमाला आयोजिन किया गया। इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के. पाटील ने  देश के आर्थिक विकास विशेषत: कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के योगदान पर प्रकाश डाला। यूको बैंक प्रबंधन द्वारा डॉ. पाटील को यूको जी.डी. बिड़ला सम्मान प्रदान किया गया।

इस अवसर पर प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एवं राष्ट्रीय पारिस्थितिकी केन्द्र, नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ. डी.के. मरोठिया ने कहा कि देश में इस समय बैंकिंग क्षेत्र संकट के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कृषि, अर्थशास्त्र एवं बैंकों के परिपेक्ष्य में स्व. जी.डी. बिड़ला के जीवन दर्शन का उल्लेख करते हुए कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में जनकल्याण की नीति सर्वोपरि रहनी चाहिए। उन्होंने देश की आर्थिक खुशहाली में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के योगदान को रेखांकित करते हुए बैंकिंग प्रणाली में मूल्यपरक कार्यसंस्कृति एवं कार्यक्षमता बढ़ाने पर बल दिया।

हिन्दी व्याख्यानमाला के दौरान मुख्य अतिथि डॉ. पाटील ने समावेशी ग्रामीण विकास के लिए कृषि क्षेत्र में ऋण प्रवाह व्यवस्था में सुधार करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को जरूरतमंद लोगों को सुगमतापूर्वक वित्त पोषण करने पर अधिक ध्यान देना चाहिए ताकि सुदृढ़ कृषि व्यवस्था के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो सके। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की आधारशिला है, यह ना केवल देश की दो-तिहायी आबादी की आजीविका का प्रमुख साधन है बल्कि हमारी सभ्यता, संस्कृति और जीवनशैली का आईना भी है। भारत में कृषि क्षेत्र का काफी विकास हुआ है किन्तु खेती में बढ़ती उत्पादन लागत एवं घटते मुनाफे के कारण युवाओं का झुकाव खेती की ओर कम होता जा रहा है। ऐसे में कृषि आधारित व्यवसायों को रोजगार के विकल्प के रूप में अपनाया जा सकता है। यूको बैंक के उप महाप्रबंधक सत्यरंजन पंडा ने भारतीय कृषि अर्थव्यवस्था में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के योगदान पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर डॉ. एस.एस. राव तथा डॉ. एस. पटेल ने भी संबोधित किया।

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