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बुखार की दवा से लेकर खाने-पीने के सामान पर कोरोना का असर

नई दिल्ली
40 दिनों से चीन में जारी कोरोना वायरस के कहर का असर भारत औऱ चीन के बीच व्यापार पर दिखने लगा है। इससे आम आदमी की रोजमर्रा की जरूरतों पर भी भारी असर पड़ा है। चीन से कच्चा माल न मिलने से बुखार की दवाओं से लेकर प्लास्टिक उत्पाद, मोबाइल व इलेक्ट्रॉनिक्स उपकर महंगे हो गए हैं। हलांकि चीन को होने वाले निर्यात में रुकावट से जीरा, कपास जैसे उत्पादों के दाम गिर गए हैं। आइए देखें कोरोना वायरस का असर किन-किन समानों पर ज्यादा पड़ रहा है..

दवाओं से जुड़े ज्यादातर रसायन चीन से आते हैं और आवाजाही बंद होने से आपूर्ति पर दबाव पड़ा है। बुखार और सिरदर्द में इस्तेमाल होने वाली पैरासिटामाल समेत कई जेनेरिक दवाइयों के दाम इसके असर से 20 से 45 फीसदी तक बढ़ गए हैं।

चीन से राजमा जरूरत का 50 फीसदी आयात होता है। कोरोना की वजह से 300 कंटेनर बंदरगाह पर अटके हैं। इसका असर ये है कि 8 फीसदी तक बढ़े राजमा के दाम पिछले एक माह में बढ़ गए हैं। इसकी कीमत 1100 डॉलर पहुंच गई है।

चीन से आने वाले खिलौने और प्लास्टिक के अन्य सामान के दाम 10 से 15 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। कोरोना से चीन से उत्पादों की आवाजाही धीमी पड़ी है, जांच-निगरानी से काफी देरी हो रही है।

कच्चे तेल की कीमत 57 डॉलर प्रति बैरल तक गिरने से भारत को बड़ी राहत मिली है। जबकि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार समझौते के बाद यह 70 डॉलर तक पहुंच गया था। दरअसल, भारत जरूरत का 80 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है और कीमतों में कमी से पेट्रोल-डीजल का दाम तो गिरेगा, साथ ही सरकार का आयात बिल भी कम होगा।

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